प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से मंगलवार को संवाद किया और उन्हें आकांक्षी जिला कार्यक्रम के कार्यान्वयन और सफलता का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया.
मोदी ने कहा कि इससे उन्हें ग्लोबल साउथ के देशों को उनके विकास पथ में सहायता करने में मदद मिल सकती है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रशिक्षु अधिकारियों से मोदी की यह मुलाकात 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित उनके आधिकारिक आवास पर हुई.
बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया और सरकारी सेवा में शामिल होने के बाद उनके अब तक के अनुभवों के बारे में पूछा. प्रशिक्षु अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण के दौरान गांव की यात्रा, भारत दर्शन और सशस्त्र बलों से जुड़ाव सहित अपने अन्य अनुभव साझा किए. पीएमओ ने कहा कि प्रशिक्षु अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को जल जीवन मिशन और पीएम आवास योजना जैसी सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव के बारे में भी बताया.
प्रधानमंत्री ने कल्याणकारी योजनाओं को शत प्रतिशत पूरा करने की दिशा में सरकार के प्रयास के बारे में बताया और कहा कि किस प्रकार इसके परिणामस्वरूप बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचा जा सका है. पीएमओ ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों को आकांक्षी जिला कार्यक्रम के कार्यान्वयन और सफलता का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि यह समझ ग्लोबल साउथ के देशों को उनके विकास पथ में सहायता करने में मददगार हो सकती है.''
प्रधानमंत्री ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता पर भी चर्चा की और प्रशिक्षु अधिकारियों से जी-20 बैठकों में भाग लेने के उनके अनुभव के बारे में पूछा. पर्यावरण के मुद्दों की चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने मिशन एलआईएफई (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से हर किसी के द्वारा जीवन शैली में बदलाव करके प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है.
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