प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के मौके पर 1 फरवरी को आए आम बजट को लेकर पिछली सरकारों पर हमला बोला और कहा कि वर्ष 2021-22 के आम बजट को देश के सामने खड़ी चुनौतियों के समाधान को नई तेजी देने वाला है. इस ऑनलाइन समारोह में उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने बजट को वोट बैंक के हिसाब किताब का बहीखाता और कोरी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था.
उन्होने यह भी कहा कि 100 साल पहले हुई चौरी चौरा की क्रांतिकारी घटना के नायकों के नामों को उतनी महत्ता नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी. 'लेकिन आजादी के लिए उनका खून देश की माटी में मिला हुआ है, जो हमें हमेशा प्रेरणा देता रहा है.' पीएम ने कहा कि 'ऐसा इतिहास में कम हुआ होगा, जब किसी घटना के लिए 19 लोगों को फांसी पर लटका दिया गया था.'
पीएम ने बताया कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने युवा लेखकों को देश की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े सेनानियों पर किताब लिखने, कहानियों पर किताब लिखने, शोध पत्र लिखने को आमंत्रित किया है.
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प्रधानमंत्री ने चौरी चौरा शताब्दी समारोह का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा 'कोरोना काल में देश के सामने जो चुनौतियां सामने आई उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देगा.' उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा 'दशकों से हमारे देश में बजट का मतलब बस इतना ही रह गया था कि किसके नाम पर क्या घोषणा कर दी गई. बजट को वोट बैंक के हिसाब किताब का बहीखाता बना दिया गया था.'
मोदी ने कहा 'पहले की सरकारों ने बजट को ऐसी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था जो वह पूरी ही नहीं कर पाती थीं. मगर अब देश ने यह सोच बदल दी है, एप्रोच बदल दी है.' प्रधानमंत्री ने किसानों का जिक्र करते हुए कहा, 'अगर हमारा किसान और सशक्त होगा तो कृषि क्षेत्र में हो रही प्रगति और तेज होगी इसके लिए बजट में कई कदम उठाए गए हैं. मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बने, इसके लिए 1000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा.'
बता दें कि प्रधानमंत्री ने चौरी चौरा शताब्दी समारोह में चौरी चौरा को समर्पित एक डाक टिकट भी जारी किया.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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