
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा के तट पर INS विक्रांत पर सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दिवाली मनाई.
- प्रधानमंत्री मोदी ने INS विक्रांत पर बिताई रात को यादगार और अद्भुत अनुभव बताया.
- मोदी ने INS विक्रांत से देशवासियों को दीपावली की कोटि-कोटि शुभकामनाएं दीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा और कारवार के तट पर INS विक्रांत पर बहादुर सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दिवाली मनाई. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों के जवानों से कहा, "आज का यह दिन अद्भुत है. यह क्षण यादगार है... आज मेरे एक ओर अथाह समुद्र है तो दूसरी ओर मां भारती के वीर सिपाहियों का अथाह सामर्थ है..."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "INS विक्रांत पर बिताई कल की रात, इस अनुभव को शब्दों में कहना कठिन है. मैं देख रहा था कि आप उमंग, उत्साह से भरे हुए थे... आपने स्वरचित गीत गाए. आपने अपने गीतों में जिस प्रकार से ऑपरेशन सिंदूर का वर्णन किया, शायद कोई और कभी इस अनुभूति को प्रकट नहीं कर पाएगा जो युद्ध के मैदान में खड़ा जवान कर पाएगा."
प्रधानमंत्री ने कहा, "समुद्र की गहरी रात और सुबह का सूर्योदय मेरी दिवाली कई मायनों में खास बन गई है. और इसलिए आपके बीच फिर एक बार दिवाली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. आपको भी शुभकामनाएं और INS विक्रांत की इस बीर भूमि से कोटि-कोटि देशवासियों को भी दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं."
उन्होंने आगे कहा, "मुझे याद है, जब INS विक्रांत को देश को सौंपा जा रहा था तो मैंने कहा था कि विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है, विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है. विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है बल्कि ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं इस अवसर पर हमारी सेनाओं को खासतौर पर सलाम करना चाहता हूं. भारतीय नौसेना द्वारा जो भय पैदा किया गया है, भारतीय वायुसेना द्वारा दिखाए गए अद्भुत कौशल ने, भारतीय सेना की जांबाजी ने, तीनों सेनाओं के जबरदस्त समन्वय ने, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को इतनी जल्दी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था और इसलिए आज मैं फिर एक बार INS विक्रांत की इस पवित्र साधना स्थली से, पराक्रमी स्थली से, तीनों सेना के जांबाज जवानों को सलाम करता हूं."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "जब दुश्मन सामने हो, जब युद्ध की आशंका हो तब जिसके पास अपने दम पर लड़ाई लड़ने की ताकत हो उसका पलड़ा हमेशा भारी रहता है".
उन्होंने आगे कहा सेनाओं के सशक्त होने के लिए उनका आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है. ये वीर जवान इसी मिट्टी में पैदा हुए हैं, इसी मिट्टी में पले हैं. जिस मां की गोद से उन्होंने जन्म लिया है, वो मां भी इसी मिट्टी में पली-बड़ी है और इसलिए इस मिट्टी के लिए मरने के लिए, इस मिट्टी के मान-सम्मान के लिए अपने आप को खपा देने की वो प्रेरणा रखते हैं... जो ताकत आपके भारतीय होने में है, जो ताकत आपका भारत की मिट्टी से जुड़े होने में जुड़ी हुई है वैसे ही हमारा हर औजार, शस्त्र, हर पुरजा जैसे-जैसे भारतीय होते जाएगा, हमारी ताकत को चार-चांद लग जाएंगे."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा वर्ष 2014 से अब तक हमारे शिपयार्ड द्वारा 40 से अधिक युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाई गई हैं. हमारा लक्ष्य भारत को दुनिया के शीर्ष रक्षा उत्पाद निर्यातकों में से एक बनाना है.
उन्होंने आगे कहा ब्रह्मोस नाम से कुछ लोगों के मन में डर पैदा होता है, अब कई देश इन मिसाइलों को खरीदने के इच्छुक हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, "...कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे विक्रांत नाम ने ही पूरे पाकिस्तान में खौफ़ की लहर दौड़ा दी थी. इसकी ताकत ऐसी है - एक ऐसा नाम जो युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन के हौसले पस्त कर देता है. यही है INS विक्रांत की ताकत... इस अवसर पर, मैं विशेष रूप से हमारे सशस्त्र बलों को सलाम करना चाहता हूं..."
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