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'किसान उत्सव' पर पीएम मोदी का तोहफा, 9 करोड़ अन्नदाताओं को जारी करेंगे किसान की 21वीं किस्त

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को एक प्रेस नोट जारी कर इसका औपचारिक ऐलान किया. योजना के तहत हर साल 6,000 रुपये की राशि 2,000 रुपये की तीन किस्तों में सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में जारी की जाती है.

'किसान उत्सव' पर पीएम मोदी का तोहफा, 9 करोड़ अन्नदाताओं को जारी करेंगे किसान की 21वीं किस्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर में देशभर के 9 करोड़ किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-किसान योजना की 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की 21वीं किस्त जारी करेंगे. अपने तमिल नाडु दौरे के दौरान पीएम मोदी दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन में ये राशि ट्रांसफर करेंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को एक प्रेस नोट जारी कर इसका औपचारिक ऐलान किया. योजना के तहत हर साल 6,000 रुपये की राशि 2,000 रुपये की तीन किस्तों में सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में जारी की जाती है.

कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान जारी कर कहा,

"प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर बुधवार को दोपहर डेढ़ बजे किसान भाइयों और बहनों के खाते में, किसान सम्मान निधि की राशि डालेंगे. 9 करोड़ किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ की राशि अंतरित की जाएगी. इसके पहले प्राकृतिक आपदा से पीड़ित राज्यों में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखण्ड, जम्मू-कश्मीर के किसानों के खातों में पहले ही राशि अंतरित की जा चुकी है".

ये तय किया गया है कि यह दिन प्रधानमंत्री किसान उत्सव दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन तमिलनाडु प्राकृतिक कृषि हितधारक मंच द्वारा 19 से 21 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के 50,000 से अधिक किसान, प्राकृतिक कृषि व्यवसायी, वैज्ञानिक, जैविक इनपुट आपूर्तिकर्ता, विक्रेता और हितधारक भाग लेंगे.

इस शिखर सम्मेलन में टिकाऊ, पर्यावरण-अनुकूल और रसायन-मुक्त कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने पर मंथन होगा.

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक,

"इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य...भारत में कृषि के भविष्य के लिए व्यावहारिक, जलवायु-अनुकूल और आर्थिक रूप से टिकाऊ मॉडल के रूप में प्राकृतिक और पुनः विकास योग्य कृषि की ओर परिवर्तन को गति प्रदान करना है. यह शिखर सम्मेलन किसान और उत्पादक संगठनों तथा ग्रामीण उद्यमियों के लिए बाज़ार संपर्क का निर्माण करने पर भी केंद्रित होगा. साथ ही इसमें जैविक इनपुट, कृषि-प्रसंस्करण, पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग और स्वदेशी तकनीकों में नवाचारों का प्रदर्शन भी किया जाएगा".

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