नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को अपने इस्तीफे की संभावना को खारिज कर दिया। दोषी जनप्रतिनिधियों की सदस्यता बचाने के लिए लाए गए अध्यादेश पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बयानबाजी को देखते हुए मनमोहन के इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात और संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित कर लौटने के क्रम में विशेष विमान में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "इस्तीफा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता।" उन्होंने यह भी कहा कि वे 'तुरंत खफा' हो जाने वालों में से नहीं हैं।
दोषी ठहराए जाने वाले सांसदों को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की आंच से बचाने के लिए मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा पारित अध्यादेश को राहुल ने 'पूरी तरह बकवास' और उसे 'फाड़कर फेंकने लायक' बताया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोषी जनप्रतिनिधियों से जुड़े अध्यादेश पर कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चिंताओं पर वह चर्चा करेंगे।
अमेरिका से वापस लौटते समय विशेष विमान पर सवार प्रधानमंत्री ने मीडिया कर्मियों से कहा, "मैंने राहुल गांधी का बयान देखा है। जब एक लोकतांत्रिक राजनीति में मुद्दे उठाए जाते हैं, तो सही तरीका उनपर चर्चा करना है।"
प्रधानमंत्री ने पहली बार भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि उनको उम्मीद है कि सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें गुजरात के मुख्यमंत्री जैसे लोगों के हमले के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होंगी।
इस सवाल पर कि क्या मोदी देश की धर्मनिरपेक्ष राजनीति के लिए एक खतरे के तौर पर उभरे हैं, प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें नरेंद्र मोदी जैसे लोगों के हमले के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होंगी।"
न्यूयार्क से वापस लौटते हुए उन्होंने कहा, "और मेरे पास इस बात पर विश्वास करने का पूरा कारण है कि ऐसा होगा। आप कुछ समय तक इंतजार करिये, जब तक कि लोग यह महसूस न कर लें कि वे किससे खिलाफ हैं।"
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात और संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित कर लौटने के क्रम में विशेष विमान में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "इस्तीफा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता।" उन्होंने यह भी कहा कि वे 'तुरंत खफा' हो जाने वालों में से नहीं हैं।
दोषी ठहराए जाने वाले सांसदों को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की आंच से बचाने के लिए मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा पारित अध्यादेश को राहुल ने 'पूरी तरह बकवास' और उसे 'फाड़कर फेंकने लायक' बताया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोषी जनप्रतिनिधियों से जुड़े अध्यादेश पर कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चिंताओं पर वह चर्चा करेंगे।
अमेरिका से वापस लौटते समय विशेष विमान पर सवार प्रधानमंत्री ने मीडिया कर्मियों से कहा, "मैंने राहुल गांधी का बयान देखा है। जब एक लोकतांत्रिक राजनीति में मुद्दे उठाए जाते हैं, तो सही तरीका उनपर चर्चा करना है।"
प्रधानमंत्री ने पहली बार भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि उनको उम्मीद है कि सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें गुजरात के मुख्यमंत्री जैसे लोगों के हमले के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होंगी।
इस सवाल पर कि क्या मोदी देश की धर्मनिरपेक्ष राजनीति के लिए एक खतरे के तौर पर उभरे हैं, प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें नरेंद्र मोदी जैसे लोगों के हमले के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होंगी।"
न्यूयार्क से वापस लौटते हुए उन्होंने कहा, "और मेरे पास इस बात पर विश्वास करने का पूरा कारण है कि ऐसा होगा। आप कुछ समय तक इंतजार करिये, जब तक कि लोग यह महसूस न कर लें कि वे किससे खिलाफ हैं।"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं