- इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों के साथ दिनदहाड़े छेड़छाड़ की घटना ने सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
- मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने खिलाड़ियों को स्थानीय प्रशासन को सूचित करने की सलाह दी और सीख लेने को कहा है.
- आरोपी अकील उर्फ नाइट्रा को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया और वह एक आदतन अपराधी बताया गया है.
खिलाड़ियों को इस घटना से 'सीख लेनी चाहिए' यह कहना है मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का जो पिछले दिनों ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के साथ इंदौर में हुई घटना पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. भारत आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 की मेजबानी कर रहा है, लेकिन इसी दौरान इंदौर से आई एक शर्मनाक घटना ने टूर्नामेंट की चमक फीकी कर दी है. दो प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों के साथ होटल के पास एक बाइक सवार ने छेड़छाड़ की जिससे पूरे देश में सनसनी फैल गई. यह वारदात दिनदहाड़े हुई और जिससे मध्यप्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे, अब नेताओं की बयानबाजी इसे और विवादित मोड़ दे रही है.
कैलाश विजयवर्गीय की 'असंवेदनशीलता'
पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान खजराना निवासी अकील उर्फ नाइट्रा (29) के रूप में हुई है, जो एक आदतन अपराधी है. शिकायत मिलते ही पुलिस ने कुछ ही घंटों में उसे गिरफ्तार कर लिया. अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के दौरान ऐसी घटना ने खेल जगत और पुलिस तंत्र दोनों को हिला कर रख दिया. लेकिन जब राज्य सरकार से संवेदनशील प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही थी, तब कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बयान आया जिसमें वो कह रहे हैं कि खिलाड़ियों को इस घटना से 'सीख लेनी चाहिए.'
सुनाने लगे अपने किस्से
विजयवर्गीय ने कहा, 'जब भी कोई खिलाड़ी कहीं जाता है, हम भी जब कहीं जाते हैं, तो कम से कम एक स्थानीय व्यक्ति को जरूर बताते हैं. मेरा मानना है कि इस घटना से खिलाड़ियों को सबक मिलेगा कि भविष्य में अगर हम अपने स्थान से बाहर जाएं, तो सुरक्षा या प्रशासन को सूचित करें, क्योंकि क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए जबरदस्त क्रेज है. क्रिकेट इंग्लैंड में फुटबॉल जैसा खेल है. मैंने खुद देखा है कि फुटबॉल खिलाड़ियों के कपड़े तक फट जाते हैं. हम होटल में कॉफी पी रहे थे, इतने में बहुत से युवक आ गए. कोई ऑटोग्राफ मांग रहा था. एक लड़की ने उस मशहूर फुटबॉलर को सबके सामने किस किया और उसके कपड़े फट गए. वह बहुत मशहूर खिलाड़ी था.'
खिलाड़ियों पर डाली जिम्मेदारी
उन्होंने आगे कहा, 'कभी-कभी खिलाड़ी अपनी लोकप्रियता नहीं समझते. यह घटना हुई है, तो यह सबके लिए सबक है हमारे लिए भी और खिलाड़ियों के लिए भी.' एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने दोहराया कि 'सुरक्षा में चूक हुई है, लेकिन खिलाड़ियों की भी जिम्मेदारी है कि वे बाहर जाने से पहले स्थानीय प्रशासन को सूचित करें. उन्होंने किसी को नहीं बताया…लेकिन अब वे इस घटना से सबक लेंगे और आगे से सावधान रहेंगे.'
बयान से विपक्ष नाराज
उनके बयान से विपक्षी दल गुस्से में हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा, 'ये घटना साफ करती है कितनी लचर व्यवस्था कानून और प्रशासन की है, इंदौर पुलिस की है कि हम अपने अतिथियों की भी सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं. ऊपर से कैलाश जी का बयान बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने वरिष्ठ नेता बीजेपी के उन्होंने इतना घिनौना बयान दिया है. यह बयान ये भी स्पष्ट करता है जो मंत्री-संतरी बैठे हैं उनकी मानसिकता कैसी है, क्या सोच है कैलाश विजयवर्गीय का बयान उनकी सोच को दर्शाता है. व्यवस्था ठीक होती तो ये घटना नहीं होती मुख्यमंत्री खुद गृहमंत्रालय के मुखिया है उनके विभाग में ऐसी घटनाएं हो रही हैं.'
वहीं, पूर्व एमपीसीए अध्यक्ष संजय जगदाले ने कहा, 'हर समय सबके साथ सुरक्षा नहीं रह सकती. अगर खिलाड़ी बिना बताए कहीं जाते हैं, तो किसी को कैसे पता चलेगा? ऐसी स्थिति में किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. खिलाड़ियों को भी सतर्क रहना चाहिए.'
इस तरह की बयानबाजी की आदत
लेकिन यह पहली बार नहीं है जब कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं या नैतिकता पर विवादास्पद बयान दिया हो. कुछ महीनों पहले उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर तंज कसते हुए कहा था, हम पुरानी संस्कृति के लोग हैं. हमारी बहनों के गांव जिरापुर में तो हम पानी तक नहीं पीते थे. मेरे पिता घर से पानी ले जाते थे. आज हमारे विपक्ष के नेता ऐसे हैं जो चौराहे पर अपनी बहनों को चूमते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कौन है जो अपनी बहन या बेटी को सबके सामने चूमता है? यह संस्कारों की कमी है. यह विदेशी संस्कृति है, विदेशों में पले-बढ़े लोग हैं.
जून में इंदौर के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने फिर विवादित बयान दिया था, जब उन्होंने कहा मुझे छोटी कपड़े पहनने वाली लड़कियां पसंद नहीं हैं. पश्चिम में औरत को कम कपड़े पहनने पर सुंदर माना जाता है, मैं इससे सहमत नहीं हूं. भारत में हम उस लड़की को सुंदर मानते हैं जो सलीके से कपड़े पहनती है, आभूषण पहनती है और खुद को गरिमापूर्ण ढंग से सजाती है. उन्होंने यहां तक कहा था, कभी-कभी लड़कियां मेरे साथ सेल्फी लेने आती हैं. मैं उनसे कहता हूं बेटा, अगली बार ढंग के कपड़े पहनकर आना, तब फोटो लेंगे.'
साल 2022 में हनुमान जयंती के अवसर पर उन्होंने कहा था, मैं आज भी जब निकलता हूं, पढ़े-लिखे नौजवानों, बच्चों को झूमते हुए देखता हूं तो सच में ऐसी इच्छा होती है कि पांच-सात ऐसी दूं कि उनका नशा उतर जाए. सच कह रहा हूं, भगवान की कसम. हनुमान जयंती पर झूठ नहीं बोलूंगा. लड़कियां भी इतने गंदे कपड़े पहनकर निकलती हैं कि... अपन महिलाओं को देवी बोलते हैं. उनमें देवी का स्वरूप ही नहीं दिखता. बिल्कुल शूर्पणखा लगती हैं. सच में अच्छा सुंदर भगवान ने शरीर दिया है. जरा अच्छा कपड़ा पहनो यार. बच्चों में आप संस्कार डालिए.'
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