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कौन हैं फिजिक्सवाला अलख पांडे, जिन्होंने NEET स्टूडेंट्स की लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया

अलख पांडेय की सफलता का राज सिर्फ उनकी शिक्षण शैली ही नहीं रही है. उन्होंने हमेशा इस बात का समर्थन किया है कि शिक्षा हर किसी के लिए सुलभ होनी चाहिए.

कौन हैं फिजिक्सवाला अलख पांडे, जिन्होंने NEET स्टूडेंट्स की लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया
नई दिल्ली:

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के द्वारा आयोजित नीट एग्जाम को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच गया है. देश के कई हिस्सों में इसे लेकर छात्र सड़कों पर उतर गए हैं. विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. इस बीच पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने वाले अलख पांडे (Alakh Pandey) चर्चाओं में हैं. अलख पांडेय एक ऐसे नाम हैं, जिन्होंने भारत में शिक्षा जगत में क्रांति लायी है. वह 'फिजिक्सवाला' के संस्थापक और सीईओ हैं. हजारों की संख्या में आईआईटी और NEET की तैयारी करने वाले छात्र उनके साथ जुड़े हुए हैं.

अभिनेता बनना चाहते थे अलख पांडे
अलख पांडे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले हैं. पांडे अभिनेता बनना चाहते थे. हालांकि आर्थिक जरूरतों के कारण उन्होंने आठवीं कक्षा से ही ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था.  इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान आर्थिक तंगी के कारण उन्हें घर तक बेचनी पड़ी थी. हालांकि वो अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाए थे. 

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यूट्यूब से मिली सफलता
2016 में, अलख पांडेय ने यूट्यूब चैनल "फिजिक्स वाला" शुरू किया. वह फिजिक्स रोचक तरीके से पढ़ाते थे. उनके हास्यपूर्ण अंदाज और एनिमेशन के इस्तेमाल ने उन्हें खास पहचान दी. धीरे-धीरे उनके चैनल की लोकप्रियता बढ़ती गई और वह ऑनलाइन शिक्षा का जाना-माना नाम बन गए. 

कम पैसे में फिजिक्स पढ़ाने के लिए विख्यात हैं अलख पांडे
अलख पांडेय की सफलता का राज सिर्फ उनकी शिक्षण शैली ही नहीं रही है. उन्होंने हमेशा इस बात का समर्थन किया है कि शिक्षा हर किसी के लिए सुलभ होनी चाहिए. उन्होंने करोड़ों रुपये का जॉब ऑफर ठुकराकर अपना खुद का उद्यम शुरू किया ताकि वह छात्रों को कम दाम में बेहतर शिक्षा दे सकें.

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अलख पांडे ने नीट-यूजी में ग्रेस दिए जाने के मामले को चुनौती दी है
‘फीजिक्स वाला' के मुख्य कार्यकारी अलख पांडे ने मेडिकल शिक्षा से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विवादित परीक्षा ‘‘नीट-पीजी 2024'' में शामिल होने वाले 1,500 से अधिक उम्मीदवारों को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा कथित तौर पर बेतरतीब ढंग से ग्रेस दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वकील रोहित जैन के माध्यम से दायर अपनी याचिका में पांडे ने विशेषज्ञों की समिति को निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि वह नीट परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया में सुधार लाने पर विचार करे. रोहित जैन विधि फर्म 'सिंघानिया एंड कंपनी' के प्रबंध भागीदार हैं. याचिका में कहा गया है, 'नीट परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया को किसी भी तरह की खामी से मुक्त रखने के लिए प्रतिवादियों (एनटीए और अन्य) को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिया जाए.

पांडे की ओर से पेश वकील जे साई दीपक ने मंगलवार को अदालत में कहा कि  'हम अलख पांडे का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्होंने लगभग 20,000 छात्रों के हस्ताक्षर एकत्र किए हैं, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कम से कम 1,500 छात्रों को मनमाने तरीके से लगभग 70 से 80  ग्रेस दिए गए हैं. हम मनमाने ढंग से ग्रेस दिए जाने को चुनौती दे रहे हैं. न्यायालय ने संकेत दिया है कि हमारे मामले पर भी अन्य मामलों के साथ विचार किया जाएगा, लेकिन न्यायालय का रुख स्पष्ट है कि वह इस स्तर पर काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाएगा. ''

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