भारत की पेशेवर महिला फोटोग्राफरों में से एक होमई व्यारवाला का 98 वर्ष की अवस्था में रविवार को निधन हो गया। बिस्तर से गिर जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
व्यारवाला के निकट मित्रों के मुताबिक बिस्तर से गिर जाने की वजह से उनकी हड्डियों में टूटन आ गई थी।
व्यारवाला की करीबी सबीना गदिओक ने बताया, "व्यारवाला बिस्तर से गिर गई हैं, इसे जानने में पड़ोसियों को कुछ समय लगा। पता चलने पर उन्हें गुरुवार को अस्पताल ले जाया गया।"
अस्पतालों में उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि हड्डियों में टूटन की वजह से व्यारवाला का निधन नहीं हुआ बल्कि श्वास लेने में तकलीफ की वजह से उन्होंने दम तोड़ दिया। व्यारवाला के परिवार में केवल पुत्र-वधू हैं।
ज्ञात हो कि गुजरात के नवसारी के एक पारसी परिवार में नौ दिसम्बर 1913 को पैदा हुईं व्यारवाला ने बम्बई विश्वविद्यालय में पढ़ाई की और सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स से कला में स्नातक किया।
वर्ष 1942 में दिल्ली आने से पहले ही उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने 1947 में स्वतंत्रता मिलने पर दिल्ली में पहले झण्डारोहण की तस्वीरें खींचीं। व्यारवाला की उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें वर्ष 2010 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। व्यारवाला ने अपने पेशे के दौरान कई महत्वपूर्ण और यादगार तस्वीरें खींचीं।
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