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This Article is From Dec 20, 2019

एक जुलाई, 1987 से पहले जन्मे लोग या जिनके माता-पिता उससे पहले जन्मे हों, वे भारतीय नागरिक :सरकार

सरकार के एक आला अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि जिस किसी का जन्म भारत में एक जुलाई, 1987 से पहले हुआ हो या जिनके माता-पिता का जन्म उस तारीख से पहले हुआ हो, वे कानून के अनुसार भारत के वास्तविक नागरिक हैं और उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम या संभावित एनआरसी से चिंता करने की जरूरत नहीं है.

एक जुलाई, 1987 से पहले जन्मे लोग या जिनके माता-पिता उससे पहले जन्मे हों, वे भारतीय नागरिक :सरकार
नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहा है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सरकार के एक आला अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि जिस किसी का जन्म भारत में एक जुलाई, 1987 से पहले हुआ हो या जिनके माता-पिता का जन्म उस तारीख से पहले हुआ हो, वे कानून के अनुसार भारत के वास्तविक नागरिक हैं और उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम या संभावित एनआरसी से चिंता करने की जरूरत नहीं है. नागरिकता कानून में 2004 में किये गये संशोधनों के अनुसार असम को छोड़कर बाकी देश के उन नागरिकों को भी भारतीय नागरिक माना जाएगा जिनके माता या पिता भारतीय हैं और अवैध प्रवासी नहीं हैं. संशोधित नागरिकता कानून 2019 को लेकर देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों तथा सोशल मीडिया पर कानून को लेकर अलग अलग विचारों के मद्देनजर सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण आया है.  

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अधिकारी ने कहा कि एक जुलाई, 1987 से पहले भारत में जन्मे लोग या जिनके माता-पिता उस वर्ष से पहले देश में जन्मे हों, उन्हें कानून के अनुसार नैसर्गिक तौर पर भारतीय माना जाएगा. असम के मामले में भारतीय नागरिक के तौर पर पहचान की ‘कट ऑफ सीमा' 1971 है. पूरे देश में एनआरसी लागू करने की संभावना के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि अभी इस पर विचार-विमर्श नहीं हुआ है. अधिकारी ने कहा, ‘‘हम लोगों से यह अपील भी करते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून की तुलना असम में एनआरसी से नहीं की जाए क्योंकि असम के लिए कट-ऑफ अलग है.'' 

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नागरिकता कानून में 2004 में किये गये संशोधनों के अनुसार जिसका जन्म भारत में 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद लेकिन एक जुलाई, 1987 से पहले हुआ हो, जिसका जन्म भारत में एक जुलाई 1987 को या उसके बाद लेकिन 3 दिसंबर, 2004 से पहले हुआ हो और जन्म के समय उनके माता या पिता भारत के नागरिक हों, वो वास्तविक भारतीय नागरिक हैं. 10 दिसंबर, 1992 को या उसके बाद लेकिन तीन दिसंबर, 2004 से पहले भारत के बाहर जन्मे लोग, जिनके माता या पिता उसके जन्म के समय भारत के नागरिक थे, वो भी भारतीय नागरिक हैं. अगर किसी का जन्म भारत में तीन दिसंबर, 2004 को या उसके बाद हुआ हो और माता-पिता दोनों भारत के नागरिक हैं या उनमें से कोई एक भारत का नागरिक है तथा दूसरा उसके जन्म के समय अवैध प्रवासी नहीं है तो वो भी भारतीय नागरिक होंगे. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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