जनता एक-एक करके दिन गिन रही, जल्‍द ही गहलोत सरकार का काउंटडाउन शुरू होगा : गजेंद्र सिंह शेखावत

जोधपुर में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि कांग्रेस में जिस तरह का घमासान चल रहा है, वह जगजाहिर है. हालांकि, यह कांग्रेस अंदरूनी मामले हैं. उनके घर के मैटर्स हैं.

जनता एक-एक करके दिन गिन रही, जल्‍द ही गहलोत सरकार का काउंटडाउन शुरू होगा : गजेंद्र सिंह शेखावत

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, भगवान का शुक्र है, इस बार मुख्यमंत्री ने मुझे बख्श दिया

राजस्‍थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर चुटकी लेते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि भगवान का शुक्र है कि उन्होंने इस बार मुझे बख्श दिया. हालांकि, उनका हरेक वक्तव्य राजनीति से प्रेरित होता है. उसमें भी उन्होंने राजनीति ढूंढी होगी .शुक्रवार को जोधपुर में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा, "कांग्रेस में जिस तरह का घमासान चल रहा है, वह जगजाहिर है. हालांकि, यह कांग्रेस अंदरूनी मामले हैं. उनके घर के मैटर्स हैं, जिनके साथ मुख्यमंत्री हमेशा ही भाजपा और भाजपा नेताओं को जोड़ देते हैं. कल भी उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान जी का नाम लिया. भगवान का शुक्र है कि मुख्यमंत्री ने इस बार मेरा नाम नहीं लिया. उन्होंने अपने इस बयान में भी राजनीति ढूंढी होगी."

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जिस तरह के हालात हैं, उसका खामियाजा कांग्रेस, जो भारत जोड़ने के लिए निकली है, को होगा. जिस तरह से कांग्रेस पार्टी को दीमक लगा है, उससे परेशान और कष्ट में कोई है तो वह राजस्थान की जनता है. जिस भरोसे के साथ जनता ने सरकार बनाई थी, उसका भरोसा टूट चुका है और छिन्न-भिन्न हो गया है.अब जनता एक-एक दिन गिनकर इंतजार कर रही है और कुछ दिनों में सरकार काउंटडाउन भी शुरू हो जाएगा.  

शेखावत ने कहा, "हरेक पक्ष में जिस तरह की परिस्थितियां बनी हैं. मैं शुरू से कहता हूं कि यह सरकार आत्मतुष्टि की शिकार है. स्वयं ही प्रमाण पत्र जारी करती रहती है. कभी बजट के नाम पर तो कभी योजनाओं के नाम पर. रोजाना अखबार और टीवी चैनल्स उन योजनाओं की जमीनी हकीकत को सामने लाते हैं, उस पर मुझे टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है." सरकार रिपीट होने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार वापस आएगी या नहीं आएगी, यह तय करना जनता का काम है. हालांकि, 2003 और 2013, दोनों में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे. आप पुराने रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए. दोनों बार वह इसी तरीके के दावे करते थे. पिछली बार एक सिटी बस में बैठने जितने लोग बचे थे. अबकी बार उन्हीं के मंत्री कह रहे हैं कि एक इनोवा या एक फॉर्च्यूनर में आएंगे.

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