
- असम सरकार ने 18 साल से अधिक आयु के लोगों का आधार कार्ड बनवाने पर रोक लगाने का निर्णय लिया है.
- यह कदम अवैध प्रवासियों, विशेषकर बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता लेने से रोकने के लिए उठाया गया है.
- 18 साल से अधिक आयु के लोगों को आधार कार्ड के लिए एक सितंबर से एक माह तक आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी.
असम सरकार ने फैसला किया है कि 18 साल से अधिक आयु के लोगों का आधार कार्ड नहीं बनाया जाएगा.मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गुरुवार को कहा कि अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. यह व्यवस्था इस साल अक्तूबर से लागू की जाएगी. इसके लिए सरकार एक अधिसूचना जारी करेगी. हालांकि इससे कुछ समुदायों को कुछ समय के लिए छूट दी गई है. सरकार का कहना है कि इसका मकसद बांग्लादेशी घुसपैठियों को आधार हासिल करने से रोकना है, जिसके जरिए वो कई तरह के कागजात बनवा लेते हैं.
किसे मिलेगी इस नियम से छूट
उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि 18 साल से अधिक की आयु के व्यक्तियों को आधार कार्ड का आवेदन करने के लिए केवल एक महीने का समय दिया जाएगा, बशर्ते कि अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया हो. हालांकि, उन्होंने कहा कि चाय बागानों में रहने वाले आदिवासी, 18 साल से अधिक आयु के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगले एक साल तक आधार कार्ड जारी किए जाएंगे.
उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने अभी तक आधार कार्ड के लिए आवेदन नहीं किया है, वो एक सितंबर से आवेदन कर सकते हैं. अगले एक महीने के लिए विंडो खुली रहेगी. उन्होंने कहा है कि आधार के लिए जो मामले अपवाद होंगे, उन्हें जिला उपायुक्त (डीसी) के जरिए आवेदन करना होगा.
शर्मा ने कहा,''आधार कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को नागरिकों की पहचान की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है.यह कदम पिछले एक साल में बांग्लादेश से संभावित घुसपैठ से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के प्रति सरकार द्वारा ध्यान दिए जाने को प्रदर्शित करता है.''
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