डिजिटल भुगतान मंच पेटीएम की संचालक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने रविवार को उन मर्चेंट से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया, जो चीनी कर्ज ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं. कंपनी ने कहा कि ईडी ने जिन कोष पर भी रोक लगाई है, उनमें से कोई भी समूह या समूह की किसी कंपनी से संबंधित नहीं है.
पेटीएम ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा, ‘‘कुछ मर्चेंट के खिलाफ जारी जांच के सिलसिले में ईडी ने उन मर्चेंट से जुड़ी जानकारियां मांगी थी, जिन्हें हम भुगतान समाधान देते हैं. हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि ये मर्चेंट स्वतंत्र निकाय हैं और इनमें से कोई भी हमारे समूह की इकाई नहीं है.''
ईडी ने शनिवार को कहा था कि चीनी नागरिकों के 'नियंत्रण' वाले ऐप आधारित त्वरित ऋण आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में ऑनलाइन भुगतान मंचों रेजरपे, पेटीएम और कैशफ्री के बेंगलुरु स्थित परिसरों पर छापेमारी की गई है.
पेटीएम ने कहा, ‘‘ईडी ने कुछ मर्चेंट निकायों की मर्चेंट आईडी से कुछ राशि पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. हम बताना चाहते हैं कि इनमें से कोई भी कोष, जिन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है वह पेटीएम या हमारे समूह की किसी भी कंपनी से संबंधित नहीं है.''
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि छापेमारी में चीन के व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित इन कंपनियों के ‘‘मर्चेंट आईडी और बैंक खातों'' में जमा 17 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां भारतीय नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उन्हें फर्जी तरीके से निदेशक बनाती हैं, जबकि इन कंपनियों का नियंत्रण एवं परिचालन चीन के लोग करते हैं.
उसने बताया कि जांच के दायरे में आई ये कंपनियां भुगतान सेवा कंपनियों और बैंकों से जुड़ी मर्चेंट आईटी या खातों का इस्तेमाल करके अपराध का धन जुटा रही थीं और इन कंपनियों ने जो पते दिए थे, वे भी फर्जी हैं.
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