कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देकर मुसीबत में फंस गए हैं. पवन खेड़ा के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दो और असम में एक एफआईआर दर्ज हुई है. भाजपा के नेताओं का कहना है कि पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री का अपमान किया है और पुलिस कानून के तहत ही कार्रवाई कर रही है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को अंतरिम राहत देते हुए 28 फरवरी तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर, पवन खेड़ा ने ऐसा क्या कह दिया कि खड़ा हो गया बखेड़ा.
पवन खेड़ा पर इन धाराओं के दर्ज हुई FIR
पवन खेड़ा के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में उनकी कथित टिप्पणी के लिए असम के हाफलोंग थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 153 बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले बयान देना, लांछन लगाना), 500 (मानहानि) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) शामिल हैं. दीमा हसाओ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मयंक कुमार ने बताया कि मोदी और अन्य मुद्दों पर खेड़ा की टिप्पणियों को लेकर बुधवार को सैमुअल चांगसन नामक व्यक्ति ने हाफलोंग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. एसपी ने कहा, "प्रधानमंत्री के खिलाफ उनकी (खेड़ा) टिप्पणी प्राथमिकी का एक हिस्सा है. अन्य शिकायतें भी हैं. आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है." कुमार ने कहा कि धाराएं गैर जमानती हैं.
प्रधानमंत्री के दिवंगत पिता का मजाक उड़ाने का आरोप
भाजपा ने पवन खेड़ा पर प्रधानमंत्री और उनके दिवंगत पिता का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है. मोदी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है. दामोदरदास, नरेंद्र मोदी के पिता थे. देश के कई हिस्सों में अपने साथ पिता का नाम भी लिखना एक आम प्रचलन है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के संबंध में दिल्ली-रायपुर की उड़ान से उतारे जाने के बाद असम पुलिस ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया.
पवन खेड़ा 'वो' विवादित बयान...
पवन खेड़ा ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी के पिता पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि हम स्पष्ट बात कर रहे हैं जेपीसी. हम कह रहे हैं कि संसद बजट सत्र के दौरान आप चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? जब नरसिम्हा राव जेपीसी बना सकते थे, अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बैठा सकते थे. फिर नरेंद्र गौतम दास, सॉरी दामोदर दास मोदी को क्या परेशानी है...इसके बाद पवन खेड़ा हंसने लगे. पवन खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी. उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को गिरफ्तारी से संरक्षण और कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के अनुरोध संबंधी याचिका को 27 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा वाराणसी और असम में कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. अब इन सभी एफआईआर को एक साथ क्लब करके सुनवाई होगी.
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