भगवंत मान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
संसद के वीडियो शूट मामले में भगवंत मान ने लोकसभा की जांच समिति को पांच पन्नों का अपना लिखित जवाब सौंप दिया है। उन्होंने इसमें लिखा है कि मैंने सुरक्षा नियमों का उल्लंघन नहीं किया। मैंने गलती नहीं की है।
मान ने लिखा कि संसद परिसर में कई टेलीविज़न चैनल कवरेज करते हैं, उनसे तो सुरक्षा पर समझौता नहीं होता तो मुझसे कैसे हो गया। मेरी खिलाफ जांच बंद की जाए। इस जवाब में उन्होंने पुराने मामलों का हवाला दिया है।
भगवंत मान ने किरीट सोमैया की अध्यक्षता वाली टीम के सामने अपने वकील के साथ पेश होने की इजाजत मांगी थी, जिसे खारिज कर दिया था। मामले की जांच 9 सांसदों की एक समिति कर रही है। खबरों के मुताबिक, बीजेपी के सांसदों को छोड़कर समिति के ज़्यादातर सदस्य मान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के खिलाफ हैं।
इससे पहले भगवंत मान ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को चिट्ठी लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी को भी समन भेजने के लिए कहा है। उनका कहना है कि मैं दोषी हूं तो पीएम भी दोषी हैं। उन्होंने खत में लिखा है कि- कल आपने मेरे वीडियो बनाने पर एक समिति बनाई है। समिति जांच करेगी कि इस वीडियो से संसद की सुरक्षा को खतरा तो नहीं पैदा हुआ? 2001 में ISI ने संसद पर हमला किया। फिर उसी 2016 में उसी ISI ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। प्रधानमंत्री जी ने उसी ISI को पठानकोट एयरबेस में बाइज्जत बुलाकर घुमाया। ISI पूरे एयरबेस के नक्शे बनाकर ले गए। क्या इससे पूरे देश की सुरक्षा को खतरा नहीं हुआ? मेरा वीडियो बनाना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या प्रधानमंत्री जी का ISI को बुलाकर एयरबेस में घुमाना देश की रक्षा के लिए खतरा है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने विवादों को जन्म देने वाली संसद की अपनी रिकॉर्डिंग को 'एजुकेशनल वीडियो' करार दिया है। इस वीडियो में, कमेंटेटर के तौर पर मान संसद में प्रवेश से पहले विभिन्न सुरक्षा जांच (सिक्युरिटी चेक्स) की जानकारी दे रहे हैं। गौरतलब है कि संसद को वर्ष 2001 में आतंकवादियों ने निशाना बनाया था।
(इनपुट्स एजेंसी से भी)
मान ने लिखा कि संसद परिसर में कई टेलीविज़न चैनल कवरेज करते हैं, उनसे तो सुरक्षा पर समझौता नहीं होता तो मुझसे कैसे हो गया। मेरी खिलाफ जांच बंद की जाए। इस जवाब में उन्होंने पुराने मामलों का हवाला दिया है।
भगवंत मान ने किरीट सोमैया की अध्यक्षता वाली टीम के सामने अपने वकील के साथ पेश होने की इजाजत मांगी थी, जिसे खारिज कर दिया था। मामले की जांच 9 सांसदों की एक समिति कर रही है। खबरों के मुताबिक, बीजेपी के सांसदों को छोड़कर समिति के ज़्यादातर सदस्य मान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के खिलाफ हैं।
इससे पहले भगवंत मान ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को चिट्ठी लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी को भी समन भेजने के लिए कहा है। उनका कहना है कि मैं दोषी हूं तो पीएम भी दोषी हैं। उन्होंने खत में लिखा है कि- कल आपने मेरे वीडियो बनाने पर एक समिति बनाई है। समिति जांच करेगी कि इस वीडियो से संसद की सुरक्षा को खतरा तो नहीं पैदा हुआ? 2001 में ISI ने संसद पर हमला किया। फिर उसी 2016 में उसी ISI ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। प्रधानमंत्री जी ने उसी ISI को पठानकोट एयरबेस में बाइज्जत बुलाकर घुमाया। ISI पूरे एयरबेस के नक्शे बनाकर ले गए। क्या इससे पूरे देश की सुरक्षा को खतरा नहीं हुआ? मेरा वीडियो बनाना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या प्रधानमंत्री जी का ISI को बुलाकर एयरबेस में घुमाना देश की रक्षा के लिए खतरा है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने विवादों को जन्म देने वाली संसद की अपनी रिकॉर्डिंग को 'एजुकेशनल वीडियो' करार दिया है। इस वीडियो में, कमेंटेटर के तौर पर मान संसद में प्रवेश से पहले विभिन्न सुरक्षा जांच (सिक्युरिटी चेक्स) की जानकारी दे रहे हैं। गौरतलब है कि संसद को वर्ष 2001 में आतंकवादियों ने निशाना बनाया था।
(इनपुट्स एजेंसी से भी)
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