संसद में विपक्ष लगातार चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है. बुधवार को विपक्ष ने एक बार फिर से चीनी घुसपैठ और मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया, लेकिन सरकार ने चर्चा से इनकार कर दिया. लोकसभा में चीन के मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट किया.
ड्रग्स को लेकर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति: अमित शाह
लोकसभा में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नशाखोरी एक गंभीर समस्या है, जो पीढ़ियों को नष्ट कर रही है. ड्रग्स से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए भी किया जाता है. हमारी सरकार की ड्रग्स के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. उन्होंने कहा कि जो देश हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं वे ड्रग्स से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल उसी के लिए कर रहे हैं. इस गंदे पैसे की मौजूदगी भी धीरे-धीरे हमारी अर्थव्यवस्था को खोखला कर देती है.
सबको मिलकर लड़नी होगी नशे के खिलाफ लड़ाई: गृहमंत्री
गृहमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को मिलकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी. हमें सीमाओं, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के माध्यम से दवाओं के प्रवेश को रोकने की जरूरत है. राजस्व विभाग, एनसीबी और मादक पदार्थ रोधी एजेंसियों को एक ही पृष्ठ पर होने वाले खतरे के खिलाफ काम करना होगा. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को मिलकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी. हमें सीमाओं, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के माध्यम से दवाओं के प्रवेश को रोकने की जरूरत है. राजस्व विभाग, एनसीबी और मादक पदार्थ रोधी एजेंसियों को एक ही पृष्ठ पर होने वाले खतरे के खिलाफ काम करना होगा.
एनसीबी पूरे देश में कर सकती है जांच: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है, नशा करने वाले पीड़ित हैं, हमें उनके प्रति संवेदनशील होना चाहिए और पीड़ितों को उनके पुनर्वास के लिए अनुकूल माहौल देना चाहिए. लेकिन मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. ड्रग खतरे पर उन्होंने कहा कि एनसीबी पूरे देश में जांच कर सकती है. यदि अंतर-राज्यीय जांच करने की आवश्यकता है तो एनसीबी प्रत्येक राज्य की मदद करने के लिए तैयार है. यहां तक कि एनआईए भी राज्यों की मदद कर सकती है, अगर देश के बाहर जांच की जरूरत है.
वित्त मंत्री ने राज्यसभा में विनियोग विधेयकों पर बहस का दिया जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनियोग विधेयकों पर राज्यसभा में बहस का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्य और ऊर्जा की आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान उत्पन्न हुआ है. इसलिए, आज स्थिति यह है कि हम अनुदान के लिए एक पूरक मांग लेकर आए हैं जो खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है और उर्वरकों के लिए भी पर्याप्त है, जो हमारे किसानों के लिए महत्वपूर्ण है. अनुदान की पूरक मांग अनिवार्य रूप से गरीबों और किसानों को अधिक समर्थन देने के लिए है.
संदन में चर्चा के लिए चीन का मुद्दा संवेदनशील: किरेन रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष की मांग पर कहा कि 2005 में, जब हम विपक्ष में थे और चीन सीमा का मुद्दा उठाया था, तब सदन के तत्कालीन नेता प्रणब मुखर्जी और तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि संसद में इस पर चर्चा करने के बजाय, हमें आंतरिक रूप से इससे निपटना चाहिए, क्योंकि यह मुद्दा संवेदनशील है. उसके बाद हमने इस मुद्दे को नहीं उठाया. कांग्रेस इसे भूल रही है और एक संवेदनशील मुद्दा उठा रही है, जो अच्छा नहीं है. यह कांग्रेस थी जिसने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे पर काम नहीं किया.
सदन में चर्चा होनी चाहिए: मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम मांग करते हैं कि सदन में चर्चा हो. सदन को चीनी अतिक्रमण की जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि देश के लोगों को इसकी सूचना दी जा सके. अगर चर्चा नहीं होती है और केवल एकतरफा प्रतिक्रिया होती है, तो इसका क्या मतलब है?
हम चर्चा चाह रहे हैं, सैन्य रहस्य नहीं मांग रहे: चिदंबरम
कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने कहा कि हम चीन के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, हम सैन्य रहस्य नहीं मांग रहे हैं. चीन को भारत में घुसपैठ करने का साहस कौन देता है? घुसपैठ क्यों नहीं रोकी जा रही है. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि तैयारियों का स्तर क्या है, चीनी सैनिकों के साथ 16 दौर की पीएलए ने क्या हासिल किया, पीएम मोदी ने बाली में चीनी राष्ट्रपति शी से क्या कहा, अगर उन्होंने ऐसा किया तो..
चीनी घुसपैठ पर विपक्ष की चर्चा की मांग खारिज
सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ पर चर्चा की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने एनडीटीवी से कहा कि विपक्ष जान-बूझकर एक संवेदनशील सामरिक मुद्दे पर देश को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह बेहद ही संवेदनशील मसला है, जिस पर रक्षा मंत्री विस्तार से लोकसभा और राज्यसभा में स्पष्टीकरण दे चुके हैं. इस तरह के सामरिक और संवेदनशील मसले पर सदन में चर्चा करना सही नहीं होगा.
विपक्ष ने राज्यसभा में दिया नोटिस
दिन की कार्यवाही शुरू होने के बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मुझे नियम 267 के तहत आज दो नोटिस मिले हैं. डोला सेन ने मूल्य वृद्धि का मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दिया है. वहीं प्रमोद तिवारी ने अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दिया है. दोनों नोटिस नियम 267 के तहत आदेश में हैं.
राजीव शुक्ला ने पाक सीमा पर ड्रोन का मुद्दा उठाया
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि इस साल बीएसएफ ने 200 ड्रोन की साइटिंग रिपोर्ट की है, जो पिछले दो साल में सबसे ज्यादा ज्यादा है. 2021 में 109 ड्रोन की साइटिंग हुई थी. भारत-पाक सीमा पर बड़ी संख्या में ड्रोन भेजे जा रहे हैं. मैं रक्षा मंत्रालय और सरकार से अनुरोध करता हूं कि एंटी-ड्रोन सिस्टम को और मजबूत करना जरूरी है.
मल्लिकार्जुन खरगे ने गांधी प्रतिमा के पास किया प्रदर्शन
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुबह 10.15 बजे संसद परिसर में प्रदर्शन किया. गांधी प्रतिमा के पास उन्होंने ये विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में समान विचारधारा वाली कई पार्टियों के नेता मौजूद थे. ये प्रदर्शन संसद में चीन के मुद्दे पर चर्चा को लेकर था. विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग कर रहा है.
मल्लिकाअर्जुन खरगे से माफी की मांग
संसद में मंगलवार को भी मल्लिकाअर्जुन खरगे के बयान को लेकर जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर उनसे माफी की मांग कर रही है. हालांकि मल्लिकाअर्जुन खरगे ने अपने बयान पर माफी मांगने से साफ इंकार करते हुए कहा कि मैं अभी भी अपने बयान पर कायम हूं. बीते दिन ही कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आजादी में बीजेपी की भूमिका पर एक बयान दिया था, जो कि अब विवादों में आ गया. नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता खरगे ने कहा कि उन्होंने जो कहा सदन के बाहर कहा.
'हम बच्चे नहीं हैं...': लगातार हंगामे पर बोले जगदीप धनखड़
राज्यसभा में मंगलवार को भी लगातार हंगामे के बाद सभापति जगदीप धनखड़ आसन से उठ खड़े हुए और सांसदों को याद दिलाया कि 'हम बच्चे नहीं हैं...', उन्होंने सदन में कहा, "हम बहुत बुरा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं... यहां से बाहर लोगों को मोहभंग हो रहा है... इस तरह का प्रदर्शन... हमें बहुत-बहुत बदनाम करता है..."
आसन से उठकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बेंचों की तरफ बारी-बारी से इशारा कर उन्होंने शोर-शराबे के बीच अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन उसके लिए उन्हें कई बार 'एक सेकंड, एक सेकंड' कहना पड़ा. फिर वह बोले, "यहां तक कि आसन की ओर से जो कहा जा रहा है, जो सबके लिए है, उसे भी आप लोग नहीं मान रहे हैं... हम लोगों का माहौल कितना दर्दनाक हो चुका है... मेरा विश्वास करें, 135 करोड़ लोग हम पर हंस रहे हैं... वे सोच रहे हैं, हैरान हो रहे हैं - हम किस स्तर तक गिर गए हैं..."
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