अविश्वास प्रस्ताव : हर वार पर पलटवार, तीखे तंज... कुछ ऐसे अमित शाह ने विपक्ष को दिया मुंहतोड़ जवाब

मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इसपर सदन में दूसरे दिन अमित शाह ने जवाब दिया. गुरुवार (10 अगस्त) को पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे. इसके बाद मतदान होगा. 10 अगस्त को ही मणिपुर हिंसा का सौवां दिन है.

नई दिल्ली:

लोकसभा में विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) पर चर्चा का बुधवार को दूसरा दिन था. आज बहस की शुरुआत राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने की. शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्ष पर तीखे वार किए. शाह ने कांग्रेस, राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के हर सवाल का जवाब दिया. गृह मंत्री ने यूपीए गठबंधन को घोटाले गिनाए. साथ ही मोदी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं. बहस के दौरान अमित शाह ने मणिपुर (Manipur Issue) पर भी बात की. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने मणिपुर जाकर नाटक किया. उन्हें वहां राजनीति करनी थी. मणिपुर पर जो हुआ, वो शर्मनाक हैं. लेकिन इस पर राजनीति करना और भी ज्यादा शर्मनाक है."

गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में 2 घंटे 5 मिनट तक भाषण दिया. भारत की संसद के इतिहास में अविश्वास प्रस्ताव पर किसी भी नेता का ये सबसे लंबा भाषण रहा. इस दौरान अमित शाह ने विस्तार से बताया कि उनकी सरकार ने मणिपुर संकट को हल करने के लिए क्या-क्या किया. आइए जानते हैं कि लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर पर क्या कहा और विपक्ष पर किए कौन-कौन से वार:-

राहुल गांधी ने मणिपुर जाकर किया नाटक
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा- "हमारे प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर नहीं गए. उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है. मैं रिलीफ कैंप गया. महिलाओं-बच्चों से बात की. सेना एक दिन में वहां शांति ला सकती है. आप ऐसा नहीं कर रहे हो." राहुल के इन आरोपों पर अमित शाह ने कहा- "राहुल गांधी मणिपुर गए थे. उन्होंने कहा मुझे चुराचांदपुर जाना है. सेना ने कहा- हेलिकॉप्टर से जाइए. वे नहीं माने. तीन घंटे ऑनलाइन आकर नाटक किया, फिर लौट गए. अगले दिन फिर हेलिकॉप्टर से ही गए. पहले दिन ही वे हेलिकॉप्टर से जा सकते थे, लेकिन उन्हें राजनीति करनी थी."

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मणिपुर पर राजनीति शर्मनाक
अमित शाह ने आगे कहा, "मणिपुर में जो हुआ वो शर्मनाक है. उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है. नरसिम्हा राव पीएम थे, तब भी मणिपुर में 700 लोग मारे गए, लेकिन पीएम वहां नहीं गए. मैं नाम बोलना नहीं चाहता. गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड में शामिल है कि कौन इसमें शामिल है. 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब वहां 1700 से ज्यादा लोगों के एनकाउंटर हुए. मणिपुर में जो हुआ वो नस्लीय हिंसा है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए."

हमने मणिपुर में एक्शन लिया
गृहमंत्री ने कहा, "मणिपुर में हुई नस्लीय हिंसा परिस्थितिजन्य है. हमने 4 मई तक ही काफी कुछ कर दिया था. हिंसक घटनाओं में 152 लोग मारे गए. मई में 107 मारे गए. जून-जुलाई में 15, अगस्त में 4." गृह मंत्री ने 4 मई को दो महिलाओं के साथ बर्बर व्यवहार के वीडियो का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि विपक्ष को वो वीडियो समय पर पुलिस को दे देना चाहिए था, उसके सार्वजनिक होने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए था. 

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मणिपुर में है शांति
शाह ने कहा, "मणिपुर में मैं तीन दिन और तीन रात रहा. मेरे साथी नित्यानंद 23 दिन रहे. हमने जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की कमेटी बनाई है. इसमें आईपीएस भी हैं. आज भी मैतेई और कुकी का गुस्सा शांत नहीं हुआ है, लेकिन हमने फोर्स लगा रखी है, इसलिए वहां शांति है."

हमने खुद चर्चा के लिए स्पीकर को लिखा
शाह ने कहा- "ये कहा जा रहा है कि हम मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहते, लेकिन सदन शुरू होने से पहले हमने इस पर चर्चा के लिए स्पीकर को लिखा था. विपक्ष चर्चा नहीं चाहता, वे सिर्फ विरोध करना चाहते हैं. मणिपुर जैसे मुद्दे पर आप गृहमंत्री को नहीं बोलने दे रहे हैं. आप हमें चुप नहीं कर सकते हो, हमें सुनना पड़ेगा."

मणिपुर सीएम बीरेन सिंह का किया बचाव
भाषण के दौरान अमित शाह ने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह का बचाव किया. उन्होंने कहा, "मोदी जी ने रात मैं मुझे फोन करके उठाया. हमने कई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. वहां के अफसर बदले. हमने DGP बदला, चीफ सेक्रेटरी बदला, लेकिन सीएम ने हमें सहयोग किया. इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया. राष्ट्रपति शासन तब लगता है, जब राज्य सरकार सहयोग न करे."

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कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया, गरीबी नहीं हटी
शाह ने इस दौरान कांग्रेस पर भी तीखे वार किए. उन्होंने कहा- "कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया. लेकिन गरीबी जस की तस रही. लेकिन मोदी ने इस समस्या को समझा क्योंकि उन्होंने गरीबी देखी थी. कांग्रेस कर्ज माफ करने का लॉलीपॉप देती थी, वहीं बीजेपी का एजेंडा है कि किसान को कर्ज ही ना लेना पड़े."

नीतीश कुमार पर साधा निशाना
अमित शाह ने कहा, "जब हम बैंक अकाउंट खोलने की जनधन योजना लेकर आए तो नीतीश कुमार ने हमारा मजाक उड़ाया. कि अकाउंट तो खोल दिया, अंदर क्या डालेंगे, बोनी तो कराओ. नीतीश बाबू हमारी बात सुन लीजिए. 49 करोड़ बैंक खाते खोले जिसमें 2 लाख करोड़ गरीबों के जमा हैं. केंद्र-राज्य सरकार की 300 से ज्यादा योजनाओं का पैसा डायरेक्ट इन खातों में जाता है. ये लोग जनधन योजना का विरोध क्यों कर रहे थे ये समझने वाली बात है." 

यूपीए पर भी कसे तंज
शाह ने कहा, "यूपीए के शासनकाल में पीएम रहे (राजीव गांधी) नेता ने कहा था कि मैं दिल्ली से 1 रुपया भेजता हूं लेकिन 15 पैसे ही पहुंचते हैं. उन्होंने ये बात कबूल की क्योंकि सच्चे आदमी थे, नए-नए राजनीति में आए थे. लेकिन मैं अब आगे पूछता हूं कि 85 पैसा कौन ले जाता था. ये पैसा वो ले जाते थे जो जनधन का विरोध कर रहे थे. कांग्रेस ने कहा सबकुछ लेकिन किया कुछ नहीं. किया बीजेपी ने."

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राहुल गांधी पर अमित शाह का निशाना
शाह ने आगे राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिनको 13 बार राजनीति में लॉन्च किया गया. हर बार उनकी लॉन्चिंग फेल हुई. उनकी एक ऐसी ही लॉन्चिंग संसद से हुई थी." 

कोविड वैक्सीन पर भी कसे तंज
कोरोना पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि कोरोना काल में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने जनता से कहा कि ये मोदी वैक्सीन है लेना मत. लेकिन जनता ने मोदी पर विश्वास जताया और सभी डोज लगवाईं. शाह ने कहा कि विरोधी पार्टियों को मोदी में अविश्वास हो सकता है लेकिन देश की जनता को नहीं. वो मोदी के साथ है."

मोदी सरकार अल्पमत में होने का मतलब ही नहीं 
अविश्वास प्रस्ताव पर अमित शाह ने कहा, "अब तक लोकसभा में 27 अविश्वास और 11 विश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं. इस बार पीएम मोदी और मंत्रिमंडल के प्रति किसी को अविश्वास नहीं है. इसका मकसद सिर्फ जनता में भ्रांति पैदा करना है. दो तिहाई बहुमत से दो बार NDA को चुना गया. सरकार अल्पमत में होने का मतलब ही नहीं है."

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