तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि तेलंगाना में गांवों के विकास में पंचायत सचिवों की भूमिका सराहनीय रही है. उनके प्रयास देश भर के गांवों के साथ प्रतिस्पर्धा करके तेलंगाना के गांवों द्वारा जीते गए राष्ट्रीय पुरस्कारों में शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि पंचायत सचिवों को संतुष्ट नहीं होना चाहिए. तेलंगाना के गांवों में गुणात्मक परिवर्तन और लोगों की भागीदारी के साथ आगे के विकास की दिशा में पंचायत सचिवों का प्रयास निरंतर जारी रहना चाहिए.
केसीआर ने चार साल की प्रशिक्षण अवधि पूरी कर चुके पंचायत सचिवों की नौकरियों को नियमित करने और निर्धारित मानदंडों के अनुसार उनके प्रदर्शन की जांच करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मंगलवार को राज्य सचिवालय में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की.
गांवों में स्वच्छता बनाए रखने की जिम्मेदारी पंचायत सचिवों की है. राज्य सरकार ने गांव में पौधे लगाना और उनकी निगरानी सहित विभिन्न जिम्मेदारियां निभाना अनिवार्य कर दिया है. इस संदर्भ में जिला स्तर पर गठित समिति चार साल की प्रशिक्षण अवधि पूरी कर चुके पंचायत सचिवों की जांच करेगी.
उच्चस्तरीय बैठक में समिति द्वारा निर्धारित लक्ष्य का दो-तिहाई लक्ष्य पूरा करने वालों को नियमित करने का निर्णय लिया गया. मुख्य सचिव शांति कुमारी, पंचायत राज के प्रधान सचिव संदीप सुल्तानिया और आयुक्त हनमंथा राव को मुख्यमंत्री केसीआर ने इससे संबंधित कार्य शुरू करने का आदेश दिया.
VRA सिंचाई व अन्य विभागों में होंगे समायोजित
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य में कार्यरत ग्राम राजस्व सहायकों (VRA) को उनकी शैक्षणिक योग्यता और क्षमताओं के अनुसार सिंचाई सहित अन्य विभागों में समायोजित करने का निर्णय लिया है. सीएम ने कहा कि इस संदर्भ में वीआरए के साथ बैठक कर चर्चा करें और उनकी राय लें और उसके अनुरूप कार्रवाई करें. इसके लिए सीएम केसीआर ने मंत्री केटी रामाराव के नेतृत्व में मंत्री जी जगदीश रेड्डी और सत्यवती राठौड़ की एक मंत्रीस्तरीय उपसमिति बनाई है. सीएम केसीआर के निर्देशानुसार, मंत्रिस्तरीय उप-समिति बुधवार से वीआरए के साथ चर्चा शुरू करेगी. सीएम केसीआर ने मुख्य सचिव शांति कुमारी को उन वीआरए की सेवाओं का उपयोग करने की दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया, जिन्होंने चर्चा के बाद उप-समिति के निर्देशों के अनुसार निर्णय नहीं लिया है. केसीआर ने कहा कि उपसमिति का काम पूरा होने और अंतिम रिपोर्ट तैयार होने के बाद वे फिर से चर्चा करेंगे और अंतिम निर्णय लेंगे. सीएम ने आदेश दिया कि सारी प्रक्रिया एक सप्ताह के अंदर पूरी कर ली जाए.
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