
Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम में मारे गए लोगों को दर्द देखकर हर भारतवासी गम और गुस्से में है. आतंकवादियों ने बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए भारतीयों की हत्याएं की हैं. एक के बाद लगातार पीड़ितों के बयान सामने आ रहे हैं. इनमें आतंकवादियों की क्रुरता साफ पता लगती है. इन आतंकवादियों को भारत ने सजा देने की ठान ली है. मगर, दिल अपनों का खून देखकर रो रहा है.
बच्चे ने बताई आतंकवादियों की हैवानियत
#WATCH | Surat, Gujarat | Shailesh Kalthia, a native of Varachha area of Surat city, was killed in the Pahalgam terror attack on 22nd April.
— ANI (@ANI) April 24, 2025
His son, Naksh Kalthia, says, "We were at the 'mini Switzerland' point in Pahalgam, J&K. We heard gunshots... We hid once we realised… pic.twitter.com/t0tKrc5dtI
सूरत शहर के वराछा इलाके के मूल निवासी शैलेश कलथिया की मौत 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में हो गई. उनके बेटे नक्श कलथिया ने बताया, "हम पहलगाम में 'मिनी स्विटजरलैंड' पॉइंट पर थे.10-15 मिनट ही हुए थे और हम खाना खा रहे थे, तभी हमने गोलियों की आवाज सुनी... जैसे ही हमें लगा कि आतंकवादी इलाके में घुस आए हैं, हम छिप गए. लेकिन, उन्होंने हमें ढूंढ लिया. हमने दो आतंकवादियों को देखा. मैंने सुना कि उनमें से एक ने सभी लोगों को मुस्लिम और हिंदू में अलग होने का आदेश दिया और फिर सभी हिंदू पुरुषों को गोली मार दी. आतंकवादियों ने पुरुषों से तीन बार 'कलमा' पढ़ने को कहा... जो लोग इसे नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई. जब आतंकवादी चले गए, तो स्थानीय लोग आए और कहा कि जो लोग बच गए हैं, उन्हें तुरंत नीचे उतर जाना चाहिए. हम पॉइंट से नीचे उतरने के एक घंटे बाद सेना आई... आतंकवादी उन्हें (मेरे पिता को) बिल्कुल भी बोलने नहीं दे रहे थे... उन्होंने (मेरी मां से) कुछ नहीं कहा... आतंकवादियों में से एक गोरा था और उसकी दाढ़ी थी. उसने अपने सिर पर कैमरा बांधा हुआ था... उन्होंने महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया..."
इस शख्स ने बताया बहू को क्यों छोड़ दिया
93 seconds. Listen. pic.twitter.com/z90KvlHWp9
— Shiv Aroor (@ShivAroor) April 23, 2025
हम लोग पहलगाम में नीचे रुक गए थे. बच्चे लोग ऊपर गए थे. एक जगह होती है, जहां से ऊपर घोड़े से जाना पड़ता है. पहलगाम की वह जगह जिसे मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है, वहां जाने के लिए करीब 7 किलोमीटर घोड़े से चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. हम लोग वहीं रुक गए थे. बच्चों को ऊपर भेज दिया था. मेरा बेटा , बहू और उसकी बहन सब ऊपर गए थे. मेरा बेटा और बहू बैठे थे और स्नैक्स वगैरह खा रहे थे. पीछे से आतंकवादी आए. उन्होंने पूछा हिंदू हो या फिर मुसलमान हो और उन्होंने जैसे ही हिंदू बोला, उन्होंने सिर पर गोली मार दी. जब मेरी बहू ने कहा कि मुझे भी मार दो तो उन्होंने कहा कि नहीं तुम जाकर मोदी को बताना.
मेरे मिस्टर के पास बंदूक लगाकर बोला...
How can someone be cruel at this level.....😡🚫😡#TragicAttack #IndusWaterTreaty#PahalgamTerroristAttack#Pahalgam #MOQEEL #우리의바다_제노야_생일축하해 #pahalgamattack #PahalgamTerrorAttack #NintendoSwitch2 #पहलगाम #topchef#chilhavisto pic.twitter.com/HtSZexh1x6
— Silent Killer🔥 (@Kanhaiyakr99) April 24, 2025
मेरे मिस्टर के पास बंदूक लगाकर बोला- कलमा पढ़ो. मेरे मिस्टर ने बोला मैं तो क्रिस्चन हूं. मैं ईसाई हूं. मुझे कलमा पढ़ना नहीं आता है. मेरे पति ने बस इतना बोला और उनको ऐसा धक्का दिया और सीने पर गोली मार दी. मेरे पति ने वहीं दम तोड़ दिया.
'निर्दोष लोगों की हत्या क्यों कर रहे हैं?'
मंगलवार को पहलगाम के निकट बैसरन में आतंकवादियों के हमले में मारे गये 26 लोगों में शामिल कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी संगीता गणबोटे ने कहा कि जब एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति ने हमलावरों से पूछा कि वे निर्दोष लोगों को क्यों मार रहे हैं, तो उन्होंने उसे भी गोली मार दी. संगीता गनबोटे ने भावुक होते हुए कहा, ‘‘आतंकवादी सभी से ‘अजान' पढ़ने पर जोर दे रहे थे. समूह की सभी महिलाओं ने इसे पढ़ना शुरू कर दिया, लेकिन फिर भी उन्होंने हमारे पुरुषों को मार डाला. एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति चारों आतंकवादियों से भिड़ गया और उनसे पूछा कि वे निर्दोष लोगों की हत्या क्यों कर रहे हैं? आतंकवादियों ने उसे भी गोली मार दी. जब मेरे पति के दोस्त (जगदाले) को आतंकवादियों ने बुलाया और पूछा कि क्या वह ‘अजान' पढ़ सकता है, तो समूह की सभी महिलाओं ने तुरंत अपने माथे से बिंदी हटा दी और ‘अल्लाहु अकबर' कहना शुरू कर दिया, लेकिन आतंकवादियों ने उन दोनों (जगदाले और गणबोटे) को मार डाला और वहां से भाग गए.''
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