जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गत 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले को लेकर पूरे देश में रोष देखने को मिल रहा है. इस हमले को 5 दिन हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर को हाई अलर्ट में रखने के बाद केंद्र सरकार भी लगातार कड़े और बड़े फैसले ले रही है. NDTV के 5 रिपोर्टर ग्राउंड जीरो पर हैं और हर जरूरी खबर आप तक सबसे तेज पहुंचा रहे हैं. उरी सेक्टर में एलओसी पर बने कमान अमन सेतु पर NDTV के रिपोर्टर पहुंचे. आपको बता दें कि ये वो जगह है जहां से पाकिस्तान के साथ व्यापार होता था. कश्मीर से लोग पीओके जाते थे और पीओके से लोग कश्मीर में अपने परिवार से मिलने के लिए आते थे.

पुलवामा हमले यानी 2019 से पहले यह जगह पूरी तरह से गुलजार हुआ करती थी. पाकिस्तान से लोग आते थे. ब्रिज के जरिए भारत से लोग जाते थे. यहां से व्यापार होता था. लेकिन पुलवामा हमला हुआ और उसके बाद यह जो ब्रिज बंद हो गया.

इस ब्रिज से पाकिस्तान के ज्यादातर लोग जो आते थे वो उरी में अपना इलाज कराने के लिए आते थे. क्योंकि भारत की मेडिकल फैसिलिटी बहुत अच्छी है. व्यापार की बात करें तो पाकिस्तान की ओर से ड्राई फूड और कीमती पत्थर आते थे.
- पाकिस्तानी सेना ने रविवार को लगातार तीसरे दिन भी जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बिना उकसावे के गोलीबारी की.
- 26-27 अप्रैल 2025 की रात को की गई फायरिंग
- भारतीय सैनिकों ने गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया.
लोकल आतंकवादियों का काउंटडाउन शुरू
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने हैवानियत की हदें पार कर दी. 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इस मामले में लगातार कार्रवाई जारी है. आतंकियों के ठिकाने बर्बाद किए जा रहे हैं, लगातार ऑपरेशन जारी है. पहलगाम हमले के बाद जम्मू कश्मीर में लोकल आतंकवादियों का काउंटडाउन शुरू हो गया है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक लिस्ट तैयार की है जिसमें 14 लोकल आतंकवादियों के नाम शामिल हैं. यह वह आतंकवादी हैं जो घाटी में लगातार बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहे थे.यह आतंकी आतंकी संगठन लश्कर तबा जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहदीन से जुड़े हुए हैं और लंबे समय से बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. पहलगाम हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ-साथ लोकल टेररिस्ट शामिल होने की बात सामने आई है.
पाकिस्तान का पानी रोका
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है. यानी भारत से जिन 3 नदियों का पानी पाकिस्तान जाता था, वो रोका जाएगा.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस दौरान साफ कहा गया था कि पानी का एक भी कतरा पाकिस्तान नहीं जाएगा.
वुलर झील 199 वर्ग किलोमीटर में फैली है.
एक तरह सोपोर तो दूसरी ओर बांदीपोर है.
सिंधु नदी का एक हिस्सा भी इसी झील से डायवर्ट किया गया है
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत से जब फैसला लिया कि पानी को रोकना है. तब वुलर झील पर बैराज बनने का रास्ता फिर से साफ हो गया है. भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान में हड़कंप मचा है. क्योंकि वुलर झील पर बैराज बनने का मतलब है कि पाकिस्तान को जा रहा पानी रुक जाएगा.

जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा जिले में साउथ एशिया की सबड़े बड़ी मीठे पानी की झील है. इस झील का नाम वुलर झील है. इसी झील से होकर झेलम नदी बहती है. सिंधु संधि स्थगित करने के बाद भारत वुलर झील पर वुलर बैराज बनाएगा.
घाटी में वापस लौट रहे हैं सैलानी
पहलगाम होटल मालिकों के अनुसार जिन लोगों ने रूम की बुकिंग कैंसिल की थी अब वह आना चाहते हैं. इसी तरह से श्रीनगर में अब सैलानी देखने को मिल रहे हैं. एक सैलानी से NDTV ने बात की , उन्होंने बताया कि डर नहीं लग रहा है. सब सही थी. सुरक्षाकर्मी मौजूद थे. लोकल लोगों ने काफी मदद की और बताया की कहां जाना है और कहां आप सुरक्षित रह सकते हैं. डल झील घूमने आए सैलानियों ने कहा कि वो फिर यहां घूमने आएंगे. कश्मीर भारत का ही हिस्सा है.
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