सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरनमेंट (Centre for Science and Environment - CSE) द्वारा किये गए विश्लेषण के अनुसार साल 2022 की गर्मियों (जो इतिहास में सर्वाधिक गर्म में से एक) में वायुमंडल में व्यापक रूप से ओजोन (Ozone) की अधिकता देखी गई है, जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर की वायु और अधिक विषैली हो गई है.
CSE का आकलन सीपीसीबी के आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन नियंत्रण कक्ष की ओर से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वास्तविक समय (औसतन 15 मिनट) डेटा पर आधारित है. दिल्ली-एनसीआर में शोधकर्ताओं ने 58 आधिकारिक स्टेशन से डेटा हासिल किया. विश्लेषण में प्रत्येक स्टेशन पर प्रदूषण वृद्धि की पड़ताल की गई.
सीएसई ने कहा कि इस साल लू के शुरुआती प्रकोप के कारण, जमीनी स्तर के ओजोन प्रदूषण का प्रसार मार्च में ही शुरू हो गया था और इस मामले में अप्रैल अब तक का सबसे खराब महीना रहा.
पिछले तीन साल में मई के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की गई
सीएसई के मुताबिक, जमीनी स्तर पर ओजोन का खतरनाक निर्माण वर्ष के दौरान कभी भी हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर छोटे-छोटे पॉकेट्स (क्षेत्रों) में होता है. इसके व्यापक स्थानिक प्रसार के लिए, गर्म और धूप वाले मौसम की आवश्यकता होती है जो आमतौर पर गर्मियों में मौजूद होते हैं, खासकर मई के दौरान लेकिन इस साल, मार्च के महीने में ही ओजोन की अधिकता की आवृत्ति और प्रसार जल्दी शुरू हो गया.
दक्षिणी दिल्ली में डॉ के एस शूटिंग रेंज दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक प्रभावित रहा है. इस स्थान पर इस साल मार्च से मई के बीच 85 दिन जमीनी स्तर पर ओजोन सांद्रता मानक से अधिक रिकॉर्ड किया गया. जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, आरके पुरम, नेहरू नगर में भी स्थिति इसी के करीब रही है जबकि दिल्ली से बाहर ग्रेटर नोएडा इसका हॉटस्पॉट पाया गया जहां ओजोन की अधिकता पाई गई. एनसीआर में फरीदाबाद की स्थिति अच्छी रही, वहां कम ओजोन प्रसार दिखा.
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