मणिपुर में हिंसा के बाद अब तक दर्ज हुईं 6500 FIR, पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए आंकड़े

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर में 3 मई से 30 जुलाई तक करीब तीन महीने की अवधि के बीच मणिपुर में कुल 6523 प्रथम सूचना रिपोर्ट यानी एफआईआर दर्ज की गई हैं. इनमें ज्यादातर 'जीरो एफआईआर' हैं.' '

मणिपुर में हिंसा के बाद अब तक दर्ज हुईं 6500 FIR, पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए आंकड़े

सुप्रीम कोर्ट की बेंच मणिपुर हिंसा से जुड़ी 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

नई दिल्ली:

मणिपुर में हुई जातीय हिंसा (Manipur Violence) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रही है. मणिपुर पर 7 अगस्त को शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट ने हाईकोर्ट के 3 महिला जजों की कमेटी बनाई है, जो मणिपुर जाकर राहत और पुनर्वास का काम देखेंगी. इस बीच पुलिस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में डिटेल फाइल दी है. इसमें कहा गया है कि 3 मई को कुकी-ज़ो-चिन जनजातियों और मैतेई समुदाय के बीच झड़प शुरू होने के बाद से जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में 6500 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से 11 एफआईआर महिलाओं और बच्चों की हिंसा से जुड़ी हैं. सुप्रीम कोर्ट की बेंच मणिपुर हिंसा से जुड़ी 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

ज्यादातर 'जीरो एफआईआर' हुईं दर्ज
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 3 मई से 30 जुलाई तक करीब तीन महीने की अवधि के बीच मणिपुर में कुल 6523 प्रथम सूचना रिपोर्ट  यानी एफआईआर दर्ज की गई हैं. इनमें ज्यादातर 'जीरो एफआईआर' हैं.' 'जीरो एफआईआर' किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है. ऐसी एफआईआर में कोई नंबर नहीं दिया जाता है. इसलिए इसे 'जीरो एफआईआर' नाम दिया गया है. पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्हें पता चला है कि एक ही मामले में कई जीरो एफआईआर दर्ज की गई हैं.

एक ही मामले पर दर्ज हुईं कई एफआईआर
पुलिस सूत्रों ने कहा कि एक ही मामले के लिए एक ही छत के नीचे रहने वाले अलग-अलग व्यक्तियों ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराईं. जबकि सही आरोप लगाने के लिए संबंधित कानून की कई धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी. मणिपुर में मई, जून और जुलाई में हुई हिंसा के बीच बड़ी संख्या में जीरो एफआईआर दर्ज होने के कारण दोहराव की स्थिति हुई. ऐसे में कुल मामलों की संख्या 14000 से ज्यादा हो गई. 

6523 एफआईआर को चार कैटेगरी में बांटा
पुलिस रिपोर्ट में 6523 एफआईआर को चार कैटेगरी में बांटा गया है- हत्या और/या बलात्कार और शीलभंग; आगजनी, लूटपाट और घरेलू संपत्ति का विनाश; पूजा स्थलों का विनाश और गंभीर चोट. एफआईआर का एक बड़ा हिस्सा "आगजनी, लूटपाट और घरेलू संपत्ति का विनाश" कैटेगरी के तहत दर्ज किया गया. ये आंकड़े मणिपुर में हिंसा के दौरान बड़े पैमाने पर संपत्ति के विनाश का संकेत देते हैं. 'धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ और आगजनी' पर भी 46 एफआईआर दर्ज की गई हैं.

हालांकि, मणिपुर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है. फिर भी हर दिन छिटपुट हिंसा की खबरें आ रही हैं. केंद्र ने पूर्वोत्तर राज्य में 40000 से ज्यादा केंद्रीय बल तैनात किए हैं.

42 स्पेशल SIT करेगी मामलों की जांच
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में हिंसा से जुड़े मामलों की 42 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) जांच करेंगी. इन केसों को अभी तक सीबीआई को ट्रांसफर नहीं किया गया है. डीआईजी रैंक का एक अफसर 6 SIT की निगरानी करेगा. इन SIT की जिले के आधार पर नियुक्ति होगी.

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