भारत का बेहद महत्वाकांक्षी मिशन मंगलयान सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया और इसी के साथ भारत मंगल तक पहुंचने वाला न सिर्फ पहला एशियाई देश बन गया है, बल्कि इसने अपनी पहली कोशिश में कामयाबी हासिल कर इतिहास रच दिया है।
इसरो के इस ऐतिहासिक मिशन के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए इसरो के सेंटर में मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मंगलयान जब मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) बना था, तभी पता था कि हम सफल होंगे, क्योंकि 'MOM' निराश नहीं करती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक पहली ही कोशिश में कामयाब हुए और हमने सफल मंगलयान के जरिये इंसानी कल्पना से परे काम करके दिखाया है। पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि हॉलीवुड फिल्मों से भी कम बजट में इस मिशन की सफलता अपने आप में इतिहास है।
उन्होंने कहा कि अपनी मेहनत और काबिलियत से इसरो के वैज्ञानिकों ने 'असंभव' को संभव करने की आदत बना ली है। वैज्ञानिकों ने पूर्वजों को सम्मानित किया और आने वाली पीढ़ियों को लगातार प्रेरित करने का काम किया है। सफल मंगल मिशन से यह साबित हो गया कि इसरो प्रत्येक चुनौती को चुनौती देने में सक्षम है। नरेंद्र मोदी पीएम ने कहा, अगर यह मिशन विफल होता, तो पहली जिम्मेदारी मेरी होती।
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