सुप्रीम कोर्ट में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश पर सुनवाई की है. बता दें कि डल्लेवाल पिछले 38 दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं. वह खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं.
पंजाब सरकार को मेडिकल सहायता देने के एससी ने दिए थे निर्देश
बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल का जीवन बचाने के लिए पंजाब सरकार को उन्हें तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने और जरूरत पड़ने पर अस्पताल में शिफ्ट किए जाने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एजी से कहा कि मीडिया द्वारा जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. हमारा निर्देश यह नहीं था कि वह अपना अनशन तोड़ दें.
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा, "हमारी चिंता यह थी कि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे. क्या आपने उन्हें कभी बताया है कि इस उद्देश्य के लिए समिति बनाई गई है. हमें बातें कहने के लिए मजबूर न करें. आपका रवैया यह है कि कोई समझौता नहीं होना चाहिए. यही समस्या है."
इस पर पंजाब के एजी का जवाब
पंजाब के एजी ने इस पर कहा कि, यहां मुद्दा यह है कि हमने उन्हें चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने की कोशिश की. उनका दृढ़ मत है कि वो मीडिया को बताएं, यह राज्य का काम नहीं है. वह चिकित्सा स्वास्थ्य के अधीन स्वीकार करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के चीफ सेकेट्री और डीजीपी से अनुपालन हलफनामा मांगा है.
6 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
बता दें कि इस मामले में अब अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ तथाकथित किसान नेता गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं. पंजाब सरकार ने सुप्रीम से कुछ और समय दिए जाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट सोमवार मामले में सुनवाई करेगा.
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