
संसद सत्र से पहले प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से बुलाए गए बैठक में आम आदमी पार्टी और टीएमसी ने भी हिस्सा लिया. कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के राज्यसभा में नेता खरगे की तरफ से बुलाए गए बैठक में "समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों" को बुलाया गया था. बैठक में आप और तृणमूल के अलावा वाम दल, द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), नेशनल कांफ्रेंस और आरएसपी के नेता शामिल हुए. बैठक के बाद खरगे ने ट्वीट किया कि संसद लोकतांत्रिक विचार-विमर्श का घर है. सभी समान विचारधारा वाले दल हमारे लोगों के लिए प्रासंगिक सभी मुद्दों को मजबूती से उठाएंगे. प्रधानमंत्री ने विपक्ष को भागीदारी का अधिक मौका मिलने की बात कही है. ऐसे में हम आशा करते हैं कि सरकार अपने कहे पर अमल करेगी.
Parliament is the abode of democratic deliberation.
— Leader of Opposition, Rajya Sabha (@LoPIndia) December 7, 2022
We, the like-minded parties will strongly raise all the issues relevant to our people.
PM @narendramodi ji, you spoke about opposition getting more chance to participate, therefore we expect the Govt to walk its talk.
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खरगे ने अपने ट्वीट में लिखा कि कानून अगर जल्दीबाजी में बनाए जाते हैं तो वो न्यायिक छानबीन के दायरे में आते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि सभी महत्वपूर्ण विधेयकों को उचित समितियों के पास भेजा जाएगा ताकि उसे लेकर बेहतर चर्चा हो सके.
खरगे की बैठक में आप और तृणमूल का आना आश्चर्यजनक माना जा रहा है क्योंकि दोनों पार्टियां लंबे समय से कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रही है. मानसून सत्र में भी दोनों दलों के बीच दूरी देखने को मिली थी. हाल ही में कुछ रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल ने संसद में सरकार के खिलाफ कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के समन्वय से बचने का फैसला किया था.
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