कोरोनावायरस लॉकडाउन के बाद से उपजे हालातों को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधने के साथ साथ विपक्षी दलों को भी नसीहत दी है. पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि विपक्षी दलों को प्रवासी मजदूरों और गरीब लोगों की स्थिति को उजागर करने के लिए सड़कों पर उतरने की जरूरत है, क्योंकि सरकार 'बहरी और अंधी' है. पूर्व बीजेपी नेता ने कहा कि "याचिका और बयानबाज़ी (राजनीतिक भव्यता)" देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद नहीं करेगा.
यशवंत सिन्हा की यह तीखी टिप्पणी COVID-19 प्रकोप और प्रवासी संकट के लिए केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया की समीक्षा
करने के लिए अंतरिम कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा 22 विपक्षी दलों की बैठक के अगले दिन आयी है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई इस बैठक के बाद मांगों का एक चार्टर भी जारी किया गया था.
नरेंद्र मोदी सरकार के कड़े आलोचक यशवंत सिन्हा ने कहा, 'विपक्षी दलों को सरकार को याचिका देने के बजाय सड़कों पर उतरना चाहिए, जो गरीबों की पीड़ा के लिए बहरी और अंधी हो चुकी है. मात्र बयानबाजी अब पर्याप्त नहीं है.'
Opposition parties shd hit the streets instead of petitioning the govt which is deaf and blind to the suffering of the poor. Mere statementbazi will not suffice any more.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) May 23, 2020
यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के वह तीखे आलोचक हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में यशवंत सिन्हा को दिल्ली पुलिस ने राजघाट पर एक धरने पर बैठने के बाद हिरासत में लिया था. यशवंत सिन्हा की मांग थी कि प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचने में मदद करने के लिए सशस्त्र बलों को बुलाया जाए.
लाखों प्रवासी श्रमिक, दैनिक मजदूर और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग कोरोनोवायरस लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे उनकी नौकरियों छीन ली गई है और उन्हें भोजन, धन या आश्रय के बिना छोड़ दिया गया है.
प्रवासियों मजदूरों पर दोहरी मार सार्वजनिक परिवहन में बंद होने से पड़ी, मजदूर सैंकड़ों किलोमीटर का रास्ता पैदल ही तय कर रहे हैं, कई तो बेचार रास्ते में ही दम तोड़ दे रहे हैं.
बढ़ती आलोचना के बीच, सरकार ने उन्हें घर ले जाने के लिए भोजन राशन और विशेष गाड़ियां प्रदान करके जवाब दिया, लेकिन ट्रेनों का देरी से (और कभी-कभी रद्द) चलना, खराब सफाई व्यवस्था और उपचार की शिकायतों के साथ आज भी हजारों लोगों कीअपने घर जाने के लिए पैदल यात्रा जारी है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रवासियों को सरकार से मदद की मांग करने में सबसे मुखर रहे हैं. सिन्हा की तरह, राहुल गांधी इस सप्ताह सड़कों पर उतरे - उन्होंने दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास प्रवासियों से बातचीत की, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने से ड्रामाबाज़ी करार देकर खारिज कर दिया था.
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