
नई दिल्ली. पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मंगलवार-बुधवार की रात कई आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक की है. पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों पर भारत की स्ट्राइक को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेश मंत्रालय, भारतीय सेना और वायु सेना की संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की. प्रेस ब्रीफिंग में दो महिला अधिकारी- विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने विदेश सचिव मिसरी के साथ ऑपरेशन सिंदूर की सरकार की ओर से शुरुआती जानकारी दी. कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने रात को एक बजे से डेढ़ बजे तक पाकिस्तान में निशाना बनाए गए ठिकानों के नाम और विवरण साझा किए.
सिग्नल कोर की अधिकारी सोफिया कुरैशी ने हिंदी में बात की, जबकि विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अंग्रेजी में विवरण साझा किया. आईए जानते हैं कि कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह कौन हैं.

कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी
गुजरात के वड़ोदरा की रहने वाली सोफिया कुरैशी भारतीय थलसेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं. वह सिग्नल कोर में हैं. 17 साल की उम्र में सोफिया कुरैशी सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत 1999 में शामिल हुईं थीं. उस समय कारगिल युद्ध चल रहा था.
सोफिया ने 2016 में बहुराष्ट्रीय क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास में सेना के प्रशिक्षण दल का नेतृत्व भी किया था. उनके परिवार की पृष्ठभूमि सेना में सेवा देने की रही है. सोफिया कुरैशी साल 2017 में आयोजित एक सामूहिक परिचर्चा में सेना में अपने सफर के बारे में बताया कि कैसे वह सेना में जाने के लिए प्रेरित हुईं.
सोफिया कुरैशी के पिता ने क्या कहा?
#WATCH | Vadodara, Gujarat | Col Sofiya Qureshi briefed the media today on #OperationSindoor. Her father, Taj Mohammed Qureshi, says, "We are very proud. Our daughter has done a great thing for our country... Pakistan should be destroyed... My grandfather, my father, and I were… pic.twitter.com/mJ6AY6dWAT
— ANI (@ANI) May 7, 2025
कर्नल कुरैशी ने कहा था कि एक फौजी के बच्चे के रूप में, मैं सेना के माहौल से वाकिफ थी. मेरी मां चाहती थी कि हम दोनों बहनें सेना में शामिल हों. मैंने इसके लिए आवेदन किया और मैं इसमें शामिल हो गई. मेरे दादा भी सेना में थे. सोफिया के पति सेना की मेकेनाइज्ड इन्फेंट्री में कार्यरत हैं.
ऑपरेशन सिंदूर पर सोफिया की मां ने क्या कहा?
सोफिया की मां हलीमा कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि हमने अपनी बहनों और माताओं के सिंदूर का बदला ले लिया है. सोफिया अपने पिता और दादा के पदचिन्हों पर चलना चाहती थीं, जो सेना में थे. वह बचपन में कहती थीं कि जब वह बड़ी होंगी तो सेना में शामिल होंगी
#WATCH | Vadodara, Gujarat | Col Sofiya Qureshi briefed the media today on #OperationSindoor. Her mother, Halima Qureshi, says, "We have avenged the sindoors of our sisters and mothers... Sofiya wanted to follow in the footsteps of her father and grandfather, who were also in the… pic.twitter.com/1ZmtVD5Wn4
— ANI (@ANI) May 7, 2025
2004 में वायुसेना में कमीशन्ड हुईं व्योमिका
वहीं, विंग कमांडर व्योमिका सिंह हेलीकॉप्टर पायलट हैं. व्योमिका सिंह साल 2004 में 18 दिसंबर को भारतीय वायुसेना में कमीशन्ड हुई थी. वायुसेना में भर्ती होने के 13 साल बाद व्योमिका सिंह को 18 दिसंबर 2017 को विंग कमांडर का पद मिला था. विंग कमांडर व्योमिका सिंह के पास फ़ाइटर हेलिकॉप्टर्स उड़ाने का शानदार एक्सपीरियंस है. वो चीता व चेतक जैसे लड़ाकू हैलिकॉप्टर उड़ाने की महारथी हैं.

व्योमिका के पति भी भारतीय वायु सेना में पायलट हैं. उन्होंने 2023 में एक निजी चैनल द्वारा आयोजित पैनल चर्चा के दौरान साझा किया था कि कैसे उनका नाम-व्योमिका, पायलट बनने की उनकी नियति में सहयोगी रहा. व्योमिका ने बताया, ‘‘मैं क्लास 6 में थी तभी एक ‘यूरेका' क्षण आया.
मुझे लगा कि मैं पायलट बनना चाहती हूं और आसमान में उड़ान भरना चाहती हूं. हम नामों के अर्थ को लेकर कक्षा में चर्चा कर रहे थे. तभी कोई चिल्लाया कि ‘तुम व्योमिका हो, जिसका अर्थ है व्योम (आकाश) तुम्हारा है'. उसी दिन से मैं पायलट बनना चाहती थी. यह 1990 के दशक की शुरुआत की बात है.
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के पास हज़ारों घंटे का उड़ान अनुभव है. विंग कमांडर व्योमिका सिंह के अनुसार, जिस वक्त उनकी पढ़ाई पूरी हुई थी उस दौर में वायुसेना में बहुत अधिक महिलाएं नहीं आती थी. व्योमिका सिंह को यूपीएससी के ज़रिए एयरफ़ोर्स में एंट्री मिली थी वो हैलिकॉप्टर पायलट बनी.
विंग कमांडर व्योमिका के नाम बड़ी उपलब्धि
साल 2020 में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में एक रेस्क्यू ऑपरेशन का लीड किया और नागरिकों को बचाने के लिए अत्यंत कठिन परिस्थितियों में उड़ान भरी. व्योमिका सिंह के नाम एक और बड़ी ख़ास उपलब्धि दर्ज है. साल 2021 में जिस महिला विंग ने माउंट मणिरंग की चढ़ाई की थी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह उसकी भी सदस्या थी.
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