
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस विक्रांत पर नौसेनिकों को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि आप अपनी तैयारियों में कोई कमी न रखें. अब तक जो हुआ, वह तो वार्मअप था, अगर पाकिस्तान से फिर से कोई जुर्रत की, तो इस बार नौसेना भी हरकत में आएगी और फिर भगवान ही जानता है कि पाकिस्तान का क्या होगा. मैं जानता हूं, पहलगाम के बाद आप सबके मन में प्रतिशोध की ज्वाला धधक रही थी. आपने इसे सिर्फ हमला नहीं, बल्कि देश की गरिमा पर चोट माना. आप सबसे मेरा सिर्फ एक ही आग्रह है कि अपनी तैयारी में कोई ढिलाई न आने दें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत की धरती पर अगर कोई आतंकी हमला हुआ, तो उसे हम एक्ट ऑफ वार मानेंगे और उसका जवाब उसी भाषा में देंगे.'
हाफिज सईद और मसूद अज़हर को सौंपे पाकिस्तान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने INS विक्रांत से पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा, 'हाफ़िज़ सईद ‘मुंबई हमलों' का गुनहगार है. समंदर के रास्ते मुंबई में मौत बरसाने का जो गुनाह उसके संगठन ने किया है, उसका इंसाफ़ होना चाहिए. यह काम पाकिस्तान में नहीं हो सकता है. मुंबई हमलों के एक आरोपी तहव्वुर राणा को पिछले दिनों भारत लाया गया है. पाकिस्तान की ओर से बार-बार बातचीत की पेशकश की जा रही है. कल ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने फिर यह बात दोहराई है. मगर भारत ने साफ़ कह रखा है कि बात होगी, तो आतंकवाद पर होगी, PoK पर होगी. अगर पाकिस्तान बातचीत को लेकर गंभीर है, तो उसे हाफिज सईद और मसूद अज़हर जैसे आतंकवादियों को भारत के सुपुर्द करना चाहिए, ताकि इंसाफ़ किया जा सके. पाकिस्तान के हक में यही बात होगी कि वह अपनी ज़मीन पर चल रही आतंकवाद की नर्सरी को अपने हाथों से उखाड़ फेंके. इसकी शुरुआत उसे हाफ़िज़ सईद और मसूद अज़हर जैसे आतंकवादियों को भारत के हाथों में सौंपने से करनी चाहिए. यह दोनों न केवल भारत में ‘मोस्ट वांटेड टेररिस्ट' की सूची में हैं बल्कि ये संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की लिस्ट में भी हैं.'

तो पाकिस्तान बहुत खुशनसीब...!
रक्षा मंत्री नेर नौसेनिकों से कहा कि जिस तरह आप हमारी समुद्री सीमाओं की रक्षा करते हैं, जिस तीव्रता से आप हिंद महासागर की हर हरकत को ट्रैक करते हैं, तो अगर आपकी वह क्षमता इस मिशन का हिस्सा होती, तो पाकिस्तान का क्या होता, यह बताने की जरूरत नहीं है. एक तरह से कहें, तो पाकिस्तान बहुत खुशनसीब है, कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी नेवी ने अपने पराक्रम का प्रदर्शन नहीं किया.
पाकिस्तान के 4 टुकड़े हो जाते
राजनाथ सिंह ने 1971 की भारत पाकिस्तान जंग को याद करते हुए कहा, '1971 इसका गवाह है, कि जब भारतीय नौसेना हरकत में आई थी, तो पाकिस्तान एक से दो हो गया था. अगर ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नौसेना अपने फॉर्म में आई होती, तो पाकिस्तान के दो टुकड़े ही न होते, बल्कि मैं समझता हूं कि शायद चार टुकड़े हो जाते. एक मजेदार बात यह है, कि पाकिस्तान भी आपके शौर्य से भली-भाँति वाकिफ है. पाकिस्तान को पता है कि जब भारतीय नौसेना पूरे ज़ोर से चलती है, तो उसका अंजाम क्या होता है.'

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हम गोवा के तट से कुछ ही दूरी पर हैं. आप सब जानते ही होंगे कि 1961 में गोवा की आजादी के ऑपरेशन में भी भारतीय नौसेना के वॉरशिप ने दुश्मन के जंगीजहाज और उसके सैन्य ठिकानों पर निर्णायक ऑपरेशन किया था. उस अभियान ने भारत से गुलामी के अंतिम अवशेषों को मिटा दिया था. उस ऑपरेशन में भी भूतपूर्व INS विक्रांत ने भारतीय नौसेना के बेड़े की अगुवाई की थी. आज एक बार फिर, INS विक्रांत अपने नए अवतार में आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प का नेतृत्व कर रहा है.
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