विज्ञापन
This Article is From Feb 01, 2021

Income Tax के 3 साल पुराने मामले ही खोले जा सकेंगे, बजट में अवधि घटाने का ऐलान

Budget में ‘फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल’ शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है. यानी कर विवाद के मामले में किसी भी व्यक्ति को अधिकारी के समक्ष पेश होने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

Income Tax के 3 साल पुराने मामले ही खोले जा सकेंगे, बजट में अवधि घटाने का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की बजट में घोषणा
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने आयकर आकलन की ऑनलाइन प्रक्रिया (Faceless Income Tax Assessment) के बाद के बाद पुराने मामले खोलने की अवधि भी 6 से घटाकर 3 साल कर दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को बजट में इसकी घोषणा की. हालांकि कर धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर मामलों में छिपाई गई आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है तो ऐसे मामले खोलने की अवधि 10 साल होगी.

बजट में ‘फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल' शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है. यानी कर विवाद के मामले में किसी भी व्यक्ति को अधिकारी के समक्ष पेश होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आयकर अधिकारी को भी पता नहीं होगा कि वह किस व्यक्ति के मामले की छानबीन कर रहा है. सीतारमण ने कहा कि आयकर आकलन संबंधी मामलों को फिर से खोले जाने को लेकर करदाताओं के मन में बनी अनिश्चितता को दूर करने के लिए इसकी समय सीमा घटाई गई है. 

बजट प्रस्ताव के अनुसार 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी वाले छोटे करदाताओं के लिए एक विवाद समाधान समिति गठित की जाएगी.1.10 लाख करदाताओं ने कर विवादों के हल के लिए प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाया है

वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में कहा कि केवल पेंशन और ब्याज आय वाले 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी. ब्याज का भुगतान करने वाले बैंक अपनी ओर से कर की कटौती कर लेंगे.

कर विभाग अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की दोहरा कराधान संबंधी कठिनाइयों को दूर करने के लिए नियमों को लागू करेगा. सूचीबद्ध प्रतिभूतियों से पूंजीगत लाभ, लाभांश आय और बैंकों तथा डाकघरों से ब्याज आय के विवरण के साथ पहले से भरे हुए आयकर रिटर्न जल्द ही उपलब्ध होंगे.

डेलॉयट इंडिया की कर साझेदार दिव्या बावेजा ने कहा कि इस घोषणा से टैक्स आकलन की प्रक्रिया पारदर्शी और ज्यादा प्रभावी होगी. फेसलेस असेसमेंट, अपील और पेनाल्टी की प्रक्रिया पहले ही लागू हो चुकी है. इस पर विवादों के समाधान के लिए अब फेसलेस आयकर अपीलीय ट्राइब्यूनल (ITAT) भी गठित किया गया है. इससे उत्पीड़न या किसी भी तरह की परेशानी की आशंकाएं दूर होंगी.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com