'एक राष्ट्र, एक चुनाव': मुख्य निर्वाचन आयुक्त बोले- संवैधानिक प्रावधानों के तहत चुनाव कराने को तैयार

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक पांच साल में चुनाव कराए जाएं. प्रावधानों के अनुसार, आयोग निर्धारित पांच साल का समय समाप्त होने से छह महीने पहले आम चुनावों की घोषणा कर सकता है. विधानसभा चुनावों के लिए भी मानदंड समान हैं.

'एक राष्ट्र, एक चुनाव': मुख्य निर्वाचन आयुक्त बोले- संवैधानिक प्रावधानों के तहत चुनाव कराने को तैयार

भोपाल: मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के संदर्भ में बुधवार को कहा कि भारत निर्वाचन आयोग संवैधानिक प्रावधानों और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार चुनाव कराने के लिए तैयार है. कुमार और आयोग के अन्य शीर्ष अधिकारी भाजपा शासित मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राजनीतिक दलों, प्रशासन और विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के साथ तीन दिवसीय समीक्षा बैठक करने के लिए भोपाल के (चार से छह सितंबर तक के) दौरे पर आये हुए हैं.

कुमार ने यहां प्रेस वार्ता में बताया कि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन पांच अक्टूबर को किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 5.52 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 2.67 करोड़ महिलाएं हैं. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग को संवैधानिक प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत समय से पहले चुनाव कराना होता है.

कुमार ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक पांच साल में चुनाव कराए जाएं. प्रावधानों के अनुसार, आयोग निर्धारित पांच साल का समय समाप्त होने से छह महीने पहले आम चुनावों की घोषणा कर सकता है. विधानसभा चुनावों के लिए भी मानदंड समान हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार चुनाव कराने के लिए तैयार है.'' केन्द्र सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने और जल्द से जल्द सिफारिशें देने के लिए शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति के गठन की अधिसूचना जारी की थी.

कुमार ने कहा कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची पांच अक्टूबर को प्रकाशित की जाएगी और नए पात्र मतदाताओं से आग्रह किया कि वे अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराएं और यदि उन्हें अपने डेटा में कोई विसंगति मिलती है तो सुधार के लिए आवेदन करें.

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