प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का "फिल्मों जैसे अप्रासंगिक विषयों पर गैरजरूरी कमेंट्स के खिलाफ चेतावनी" वाला संदेश बेहद स्पष्ट और दोटूक है. एक तरह से यह वरिष्ठ बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जो शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म 'पठान' के प्रमुख आलोचकों में से एक हैं, के लिए साफ संकेत है. पीएम मोदी ने बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अंतिम दिन अपने संबोधन में पार्टी नेताओं के लिए "क्या करें" और "क्या न करें" का खाका पेश किया, जिसमें आगामी चुनावों के लिए रोडमैप तैयार किया गया. रिपोर्ट्स के बारे में पूछे जाने पर कि पीएम ने टिप्पणी की थी कि एक मंत्री लगातार फिल्मों के बारे में कमेंट करते रहते हैं, मिश्रा ने कहा कि इस बारे में कोई नाम नहीं लिया गया है.
संवाददाताओं से बात करते हुए मिश्रा ने कहा, "उनका (पीएम का) हर शब्द, हर वाक्य हमारे लिये शिरोधार्य है. इसलिये सारे कार्यकर्ता वहां से प्रेरणा लेकर आये हैं, हमारा व्यवहार उनके मार्गदर्शन और ऊर्जा से ओतप्रोत रहा है और रहेगा." पिछले कुछ माह में देश के दक्षिणपंथी धड़े से जुड़े वर्गों के द्वारा विभिन्न फिल्मों के बहिष्कार के आह्वान के लगातार मामले देखने में आए हैं. दीपिका पादुकोण द्वारा पहनी गई ऑरेंज कलर की बिकनी की ओर इशारा करते हु, आलोचकों ने यहां तक तर्क दे डाला कि गीत "धार्मिक भावनाओं को आहत करता है." कोर्ट में कई याचिकाएं भी दायर की गईं, इनमें से एक में याचिकाकर्ता ने मांग की कि फिल्म के मुख्य एक्टर्स के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया जाए. यह कहते हुए कि गीत "गंदी मानसिकता" को दर्शाता है, नरोत्तम मिश्रा ने इसके शीर्षक को भी आपत्तिजनक बताया था. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री मिश्रा ने कहा था, "वेशभूषा में जिस तरह से केसरिया और हरे रंग का इस्तेमाल किया गया है, वह आपत्तिजनक है. इसमें बदलाव किए जाने की जरूरत है. ऐसा न किए जाने पर हम तय करेंगे कि फिल्म को मध्य प्रदेश में प्रदर्शित किया जाना चाहिए या नहीं."
कल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में, पीएम मोदी ने समावेशिता का संदेश दिया था. "गैरजरूरी टिप्पणियों" के खिलाफ नेताओं को चेतावनी देने के अलावा पीएम ने यह भी कहा था कि कहा कि उन्हें (पार्टी कार्यकर्ताओं को) बोहरा, पसमांदा और सिख जैसे अल्पसंख्यकों सहित समाज के हर वर्ग तक पहुंचना चाहिए. सत्र में भाग लेने वाले 350 मंत्रियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, "बीजेपी अब केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन भी है, जो सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को बदलने के लिए काम कर रही है."
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