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This Article is From Nov 16, 2022

श्रद्धा-आफताब के बीच घर के खर्चों को लेकर रोज़ होती थी लड़ाई, धोखा देने का भी था शक

Shraddha Murder Case: पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. फिर भी मर्डर वेपन खोजा जाना अभी बाकी है. पुलिस को उस आरी की तलाश है, जिससे आफताब ने श्रद्धा की लाश के टुकड़े किए थे. इसके अलावा श्रद्धा का सिर कहां फेंका गया? हत्या के वक्त पहने गए कपड़े कहां हैं? पुलिस को अभी श्रद्धा का फोन भी नहीं मिला है, जिसे आफताब ने महाराष्ट्र या दिल्ली में कही फेंकने की बात कही थी.

श्रद्धा-आफताब के बीच घर के खर्चों को लेकर रोज़ होती थी लड़ाई, धोखा देने का भी था शक
आफताब पूनावाला ने श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या के बाद उसके शरीर के 35 टुकड़े किए थे.
नई दिल्ली:

दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. श्रद्धा की हत्या उसके लिव इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने की थी. उसने पहले उसका गला घोंटा फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए 35 टुकड़े कर दिए. शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया था कि श्रद्धा शादी करने के लिए आफताब पर दबाव बना रही थी, जिसे लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था. लेकिन, पुलिस को जांच में पता चला है कि दोनों के बीच महीनों से झगड़े हो रहे थे. लड़ाई इस बात को लेकर भी थी कि घर के खर्चे कौन उठाएगा? क्योंकि दोनों के पास अक्सर पैसे खत्म हो जाते थे. रोजमर्रा के झगड़ों की वजह से आफताब ने 18 मई की शाम को दिल्ली के महरौली में अपने किराये के फ्लैट में श्रद्धा वॉकर की हत्या कर दी.

श्रद्धा वॉकर के दोस्तों और मुंबई के पास वसई में रहने के दौरान श्रद्धा-आफताब के पड़ोसियों ने एनडीटीवी को बताया है कि उनके बीच नियमित रूप से झगड़े होते थे. ज्यादातर एक-दूसरे को धोखा देने के शक में उनके बीच लड़ाई होती थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि 18 मई को कुछ घरेलू सामान खरीदने को लेकर श्रद्धा और आफताब के बीच झगड़ा शुरू हो गया. रात 8 से 10 बजे के बीच आफताब पूनावाला ने श्रद्धा वॉकर की गला दबाकर हत्या कर दी.

28 साल के आफताब पूनावाला ने श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या के बाद उसके शरीर के 35 टुकड़े किए थे. इन्हें रखने के लिए 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था. वह 18 दिन तक रोज रात 2 बजे जंगल में शव के टुकड़े ठिकाने लगाता था. आरोपी ने श्रद्धा के सिर और आधी अधूरी लाश को फ्रिज में ही रखा था. यही नहीं आफताब ने बताया कि उसने सबसे आखिर में श्रद्धा के कटे सिर और धड़ के कुछ हिस्से को ठिकाने लगाया, तब तक वह हर रोज एक बार फ्रीज खोलकर श्रद्धा का कटा सिर देखा करता था.

श्रद्धा वॉकर के माता-पिता की एक साल तक अपनी बेटी से कोई बात नहीं हो रही थी, लेकिन पिता विकास श्रद्धा के दोस्तों के जरिए बेटी की खैर-खबर लेते रहते थे. दोनों इंटर-कास्ट (हिंदू-मुस्लिम) थे. लिहाजा उनके रिश्ते को वॉकर परिवार ने मंजूरी नहीं दी थी. जब श्रद्धा के एक दोस्त ने श्रद्धा के पिता को बताया कि उसका फोन दो महीने से बंद आ रहा है. तब श्रद्धा के पिता ने वसई थाने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. 

वसई से पुलिस ने पहले आफताब को पूछताछ के लिए बुलाया और बाद में संदेह बढ़ने पर दिल्ली पुलिस से संपर्क किया. आखिरकार, उसके फोन ऐप से बैंक ट्रांसफर और कुछ इंस्टाग्राम चैट, मोबाइल सिग्नल लोकेशन से पुलिस को यह पता लगाने में मदद मिली कि आफताब झूठ बोल रहा है कि श्रद्धा 22 मई को अपनी मर्जी से उसे छोड़कर चली गई. 

दोनों कॉल सेंटर में काम करते थे और करीब एक साल से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे. दोनों की मुलाकात डेटिंग ऐप बंबल के जरिए हुई थी. मई में ही वो वसई से दिल्ली शिफ्ट हुए थे. करीब एक हफ्ते तक पहाड़गंज के एक होटल में रहने के बाद उन्होंने महरौली में 14 मई को किराए पर एक फ्लैट लिया था. इसके चार दिन बाद ही श्रद्धा की हत्या हुई. पुलिस सूत्रों ने बताया कि हाल ही में आफताब को बिना छुट्टी के अनुपस्थित रहने के कारण गुरुग्राम में नौकरी से निकाल दिया गया था.

आफताब की निशानदेही पर पुलिस ने महरौली के जंगल से कुछ हड्डियां बरामद की हैं. श्रद्धा के पिता के डीएनए के सैंपल के साथ इनकी जांच की जाएगी, ताकि पता चल सके कि हड्डियां श्रद्धा की ही हैं. इसके अलावा पुलिस आफताब को लेकर उसके फ्लैट में भी गई थी, जहां किचन से पुलिस को खून के कुछ निशान भी मिले हैं.

पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. फिर भी मर्डर वेपन खोजा जाना अभी बाकी है. पुलिस को उस आरी की तलाश है, जिससे आफताब ने श्रद्धा की लाश के टुकड़े किए थे. इसके अलावा श्रद्धा का सिर कहां फेंका गया? हत्या के वक्त पहने गए कपड़े कहां हैं? पुलिस को अभी श्रद्धा का फोन भी नहीं मिला है, जिसे आफताब ने महाराष्ट्र या दिल्ली में कही फेंकने की बात कही थी.

आफताब पूछताछ के दौरान बार-बार अपना बयान भी बदल रहा है. लिहाजा पुलिस अब उसका नार्को टेस्ट और लाई डिटेक्टर टेस्ट कराना चाहती है. पूछताछ के दौरान मदद के लिए पुलिस ने एक मनोचिकित्सक को भी लगाया है.

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