New Delhi:
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया है कि प्रदेश के सामने आ रहीं समस्याओं का राजनीतिक समाधान व्यावहारिकता पर आधारित होना चाहिए। आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में उमर ने कहा, प्रदेश में आतंकवाद की समस्या का अगर अंतिम समाधान निकालना है, तो राजनीतिक विचार-विमर्श से बचा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, मैं एक बार फिर इस बात पर जोर दूंगा कि जम्मू-कश्मीर की समस्याओं का राजनीतिक समाधान व्यावहारिकता को दृष्टि में रख कर काम करते हुए ही निकाला जा सकता है। उमर ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा संबंधी ज्यादातर परेशानियों की जड़ राजनीति में ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जहां, आतंकवादी घटनाओं की कमी के कारण सुरक्षा स्थितियों में सुधार हुआ है, वहीं सड़कों पर हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। उमर ने प्रदेश की सुरक्षा स्थितियों में सुधार के लिए सशस्त्र बलों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और प्रदेश पुलिस के बीच करीबी सहयोग की प्रशंसा की। हालांकि उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सीमाओं पर लगातार निगरानी और घुसपैठ के प्रयासों को असफल करने की जरूरत है। घाटी में पिछले साल की अशांति के बारे में उन्होंने कहा, इस अशांति के कारण भले ही कुछ भी हों, जो भी घटनाएं हुईं, वे बहुत दर्दनाक थीं। कानून व्यवस्था बिगाड़ने में असामाजिक तत्वों की भूमिका और इसमें युवकों का इस्तेमाल अलगाववादियों की रणनीति थी।