आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व CM ओमप्रकाश चौटाला को 4 साल की कैद

ओमप्रकाश चौटाला पर 4 साल की सजा के साथ 50 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. चौटाला की 4 संपत्तियां भी जब्त की जाएंगे.  इसमें हेलीरोड, पंचकूला, गुरुग्राम और असोला की प्रोपर्टी शामिल है.

आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व CM ओमप्रकाश चौटाला को 4 साल की कैद

ओमप्रकाश चौटाला को 4 साल की सजा हुई (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व CM ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) को 4 साल की कैद की सजा सुनाई गई है. चौटाला पर 4 साल की सजा के साथ 50 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. चौटाला की 4 संपत्तियां भी जब्त की जाएंगे.  इसमें हेलीरोड, पंचकूला, गुरुग्राम और असोला की प्रोपर्टी शामिल है. इससे पूर्व दिल्ली की एक अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया. विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने फैसला सुनाते हुए अगली सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख तय की थी. उल्लेखनीय है कि सीबीआई (CBI) ने वर्ष 2005 में प्राथमिकी दर्ज की थी.

एजेंसी ने 26 मार्च 2010 को आरोप-पत्र दाखिल किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चौटाला की 6.09 करोड़ की संपत्ति वर्ष 1993 से 2006 के बीच उनके आय के वैध स्रोतों की तुलना में बहुत अधिक है.

10 साल की सजा काट चुके हैं चौटाला

इससे पहले चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट चुके हैं. सजा के समय़ का सदुपयोग करते हुए हरियाणा के 82 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने 12वीं क्लास की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास कर डाली. सजा के दौरान वह तिहाड़ जेल में कैदियों के लिए बनाए गए सेंटर पर नेशनल ओपन स्कूल द्वारा कराई गई 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे. अंतिम परीक्षा 23 अप्रैल को हुई थी. वह इस दौरान पैरोल पर रिहा थे लेकिन चूंकि परीक्षा केन्द्र जेल परिसर के अंदर था, वह वापस जेल आए और परीक्षा में शामिल हुए थे.

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जानें क्या था जेबीटी घोटाला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि CBI की स्पेशल कोर्ट ने 22 जनवरी 2013 को चौटाला समेत कुल 55 आरोपियों को इस मामले में सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. सीबीआई का आरोप है कि आरोपियों ने अवैध तरीके से 3206 जूनियर बेसिक टीचरों की भर्ती की थी. यह भर्ती 2000 में की गई थी और उस समय ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री थे. आरोपियों ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की थी. मामले की सुनवाई के दौरान ओपी चौटाला को मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दी गई थी. बाद में हाई कोर्ट ने अक्टूबर, 2014 में उन्हें जेल के सामने सरेंडर करने का आदेश दिया था.