सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट 2021 के उन प्रावधानों को रद्द कर दिया है, जिन्हें पहले भी असंवैधानिक ठहराया था. अदालत ने केंद्र सरकार पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ये बदलाव 'नई बोतल में पुरानी शराब' जैसे हैं और यह सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसले को निष्क्रिय करने का असंवैधानिक प्रयास है.
पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा, सरकार ने जिन प्रावधानों को मामूली बदलाव के साथ फिर से लागू किया, वे न्यायिक स्वतंत्रता और शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं.
'यह न्यायपालिका की अवहेलना'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हमारे रद्द किए गए प्रावधानों को मामूली संशोधनों के साथ दोबारा लाया गया है, यह न्यायपालिका के निर्देशों की अवहेलना है.'
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SC का सख्त रुख
कोर्ट ने केंद्र पर निर्देशों का पालन न करने और ट्रिब्यूनल्स की स्वतंत्र कार्यप्रणाली को कमजोर करने का आरोप लगाया. अदालत ने स्पष्ट कहा कि संसद द्वारा पारित ट्रिब्यूनल सुधार अधिनियम 2021 के ये प्रावधान न्यायिक स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं, इसलिए इन्हें रद्द किया जाता है.
SC ने कहा, 'हमें इस बात पर अपनी नाराजगी व्यक्त करनी चाहिए कि भारत सरकार ने जारी किए गए निर्देशों का पालन न करने और स्वतंत्रता और कार्यप्रणाली के सिद्धांतों का पालन करने के बजाय ट्रिब्यूनल एक्ट के उन्हीं प्रावधानों को फिर से लागू किया है.'
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