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ओडिशा चिटफंड घोटाला: ग्रीन इंडिया इंफ्रा पर ईडी की छापेमारी, 84 लाख नकद और लग्जरी कार जब्त

यह मामला करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले से जुड़ा है. सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच, कोलकाता ने वर्ष 2014 में ग्रीन इंडिया इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और इसके प्रमोटरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

ओडिशा चिटफंड घोटाला: ग्रीन इंडिया इंफ्रा पर ईडी की छापेमारी, 84 लाख नकद और लग्जरी कार जब्त
  • ED ने ओडिशा में ग्रीन इंडिया इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच में छापेमारी की
  • कंपनी ने ग्रीन पैराडाइज प्रोजेक्ट में फ्लैट देने या हाई रिटर्न का झांसा देकर करीब 19 करोड़ रुपये जमा किए थे
  • कंपनी ने धोखाधड़ी से प्राप्त धन को अचल संपत्तियों और अन्य संपत्तियों में निवेश कर मनी लॉन्ड्रिंग की
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ओडिशा के बरहामपुर में ग्रीन इंडिया इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत चार स्थानों पर छापेमारी की है. ई़डी की तरफ से यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई. जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले से जुड़ा है. सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच, कोलकाता ने वर्ष 2014 में ग्रीन इंडिया इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और इसके प्रमोटरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

कंपनी पर क्या आरोप

कंपनी पर आरोप है कि उसने सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये यह कहकर जमा करवाए कि उन्हें ग्रीन पैराडाइज प्रोजेक्ट में फ्लैट दिए जाएंगे या उच्च रिटर्न मिलेगा. लेकिन बाद में न तो पैसे लौटाए गए और न ही किसी निवेशक को फ्लैट दिया गया. जब कुछ निवेशकों ने अपना पैसा वापस मांगा, तो कंपनी के एमडी ने उन्हें धमकाकर पैसे लौटाने से इनकार कर दिया. इस तरह कंपनी ने निवेशकों को करीब 69 करोड़ रुपये का चूना लगाया. ईडी की जांच में यह सामने आया है कि कंपनी और उसके संचालकों ने इस धोखाधड़ी से कमाए गए पैसे को अचल संपत्तियों और अन्य संपत्तियों में निवेश कर मनी लॉन्ड्रिंग की.

छापेमारी में बरामद हुआ सामान

6 नवंबर को हुई तलाशी के दौरान ईडी को निम्नलिखित चीजें बरामद हुईं

  • ₹84.20 लाख नकद
  • एक मर्सिडीज GLC 200 कार
  • कई डिजिटल डिवाइस
  • संपत्ति से जुड़े दस्तावेज

इस मामले में हो रहा क्या एक्शन

ईडी ने इन सभी को जब्त कर लिया है. ईडी ने बताया है कि इन दस्तावेजों से यह संकेत मिलता है कि आरोपी लोगों ने कई जगह जमीनें और संपत्तियां खरीदीं, जिनमें घोटाले का पैसा लगा था. यह कार्रवाई अभी प्रारंभिक चरण में है और एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कितना अवैध धन अन्य माध्यमों में निवेश किया गया है. फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए आगे की जांच जारी है.

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