नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार ने वाहनों के लिए लागू किए जाने वाले सम-विषम फॉर्मूले के पहले चरण में 1-15 जनवरी के दौरान राजधानी की सड़कों पर छह हजार अतिरिक्त बसों को उतारने की घोषणा की है। इनमें से दो हजार बसें स्कूलों की होंगी।
इन बसों में से 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसके साथ ही ऑटो की संख्या भी दोगुनी करने की बात कही गई है। सार्वजनिक सेवाओं के विस्तार के तहत रेलवे से ईएमयू की फेरे बढ़ाने पर भी बात हो रही है। गाड़ियों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की जांच और मजबूत तरीके से की जाएगी। कूड़ा जलाने पर 5 हजार रुपये का चालान किया जाएगा।
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा, "2,000 सीएनजी स्कूल बसों में करीब 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। गोपाल राय ने कहा कि 2000 सीएनजी स्कूल बसों की 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, क्योंकि दिन भर में दो चक्कर लगाने के अलावा ये बसें अमूमन खड़ी ही रहती हैं। दिल्ली परिवहन निगम इन अतिरिक्त 6,000 बसों के लिए मार्ग का निर्धारण करेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार राजधानी से सटे राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लिए चलने वाली स्थानीय ट्रेनों के चक्कर बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे से भी संपर्क कर रही है।
इस अवधि में एक ही ऑटो दो चालक बारी-बारी से चला सकेंगे, ताकि ऑटो का जयादा समय तक परिचालन हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिबंध सिर्फ सुबह 8.0 बजे से शाम 8.0 बजे के बीच लागू रहेगा, जबकि रविवार को किसी तरह का प्रतिबंध नहीं रहेगा।
गौरतलब है कि बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद संकेत दिया कि अकेली गाड़ी चला रही महिलाओं को इस योजना के दायरे से बाहर रखा जा सकता है।
नॉर्थ ब्लॉक में राजनाथ सिंह के साथ करीब 40 मिनट की मुलाकात में केजरीवाल ने प्रस्ताव के ब्योरे से अवगत कराया और मुख्यमंत्री के मुताबिक गृह मंत्री की प्रतिक्रिया बहुत ही सकारात्मक थी।
केजरीवाल ने कहा, उन्होंने (राजनाथ सिंह ने) कहा कि केंद्र और दिल्ली पुलिस इस कदम का पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कुछ चिंताएं व्यक्त कीं। उन्होंने मरीज ले जाने वाले वाहनों, महिला द्वारा चलाए जा रहे वाहनों और अन्य आपात स्थितियों को छूट जैसे कुछ बातें रखीं। इस संबंध में कुछ किया जाना है। दो तीन सुझाव थे। हम उन पर विचार करेंगे और छूट दी जा सकती है। (इनपुट एजेंसियों से)
इन बसों में से 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसके साथ ही ऑटो की संख्या भी दोगुनी करने की बात कही गई है। सार्वजनिक सेवाओं के विस्तार के तहत रेलवे से ईएमयू की फेरे बढ़ाने पर भी बात हो रही है। गाड़ियों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की जांच और मजबूत तरीके से की जाएगी। कूड़ा जलाने पर 5 हजार रुपये का चालान किया जाएगा।
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा, "2,000 सीएनजी स्कूल बसों में करीब 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। गोपाल राय ने कहा कि 2000 सीएनजी स्कूल बसों की 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, क्योंकि दिन भर में दो चक्कर लगाने के अलावा ये बसें अमूमन खड़ी ही रहती हैं। दिल्ली परिवहन निगम इन अतिरिक्त 6,000 बसों के लिए मार्ग का निर्धारण करेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार राजधानी से सटे राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लिए चलने वाली स्थानीय ट्रेनों के चक्कर बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे से भी संपर्क कर रही है।
इस अवधि में एक ही ऑटो दो चालक बारी-बारी से चला सकेंगे, ताकि ऑटो का जयादा समय तक परिचालन हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिबंध सिर्फ सुबह 8.0 बजे से शाम 8.0 बजे के बीच लागू रहेगा, जबकि रविवार को किसी तरह का प्रतिबंध नहीं रहेगा।
गौरतलब है कि बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद संकेत दिया कि अकेली गाड़ी चला रही महिलाओं को इस योजना के दायरे से बाहर रखा जा सकता है।
नॉर्थ ब्लॉक में राजनाथ सिंह के साथ करीब 40 मिनट की मुलाकात में केजरीवाल ने प्रस्ताव के ब्योरे से अवगत कराया और मुख्यमंत्री के मुताबिक गृह मंत्री की प्रतिक्रिया बहुत ही सकारात्मक थी।
केजरीवाल ने कहा, उन्होंने (राजनाथ सिंह ने) कहा कि केंद्र और दिल्ली पुलिस इस कदम का पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कुछ चिंताएं व्यक्त कीं। उन्होंने मरीज ले जाने वाले वाहनों, महिला द्वारा चलाए जा रहे वाहनों और अन्य आपात स्थितियों को छूट जैसे कुछ बातें रखीं। इस संबंध में कुछ किया जाना है। दो तीन सुझाव थे। हम उन पर विचार करेंगे और छूट दी जा सकती है। (इनपुट एजेंसियों से)
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