जहरीली शराब पीने से मरे अपने बेटे की तस्वीर दिखाती महिला
मुंबई:
मुंबई में ज़हरीली शराब अब तक के सबसे जानलेवा हादसे में तब्दील हो चुकी है, शराब पीकर मरने वालों की तादाद 90 तक पहुंच गई है। जबकि 20-25 लोगों का अब भी शहर के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है, और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
हादसे के आरोपियों को ढूंढने के लिए पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है, 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, 8 पुलिसकर्मी और आबकारी विभाग के 4 अधिकारी भी सस्पेंड कर दिए गए हैं। एडिश्नल पुलिस कमिश्नर फतेह सिंह पाटिल ने कहा "हमने 200 से ज्यादा जगहों पर रेड डाली है, कई जगहों पर हम स्थानीय पत्रकारों को भी लेकर जा रहे हैं, किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।"
मुंबई के मालवणी इलाके में शराब के तौर पर परोसा गये ज़हर के लिए सूत्रों के मुताबिक केमिकल गुजरात से लाया गया, ड्रमों में भरकर लाए गए केमिकल से भट्ठी में देसी शराब बनाई गई शराब में मेथनॉल की मात्रा बढ़ जाने की वजह से वो ज़हर बन गई। इलाके के लोगों का आरोप है कि सबकुछ पुलिस की मिली भगत से ही हो रहा था।
जब लोग जिंदा थे, तब इलाके में अवैध शराब के कारोबार को रोकने पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन लोगों की मौत के बाद इलाके में सियासत भी पैर पसारने में जुट गई है। शनिवार को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम मालवणी पुलिस स्टेशन तक मोर्चा लेकर आए और उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को शीघ्र इलाज और पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री और गृहमंत्रालय को हादसे की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। जब हमारा शासन था, तब ऐसे हादसों के बाद सबसे पहले डीसीपी को सस्पेंड किया जाता था।
उधर एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने कहा "दोषियों को ढूंढ़ निकालना बहुत ज़रूरी है, सरकार को इस हादसे को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है, लेकिन वो गंभीर नहीं दिख रही। लोगों को न्याय मिलना चाहिए, और दोषी पुलिस अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।"
हादसे के आरोपियों को ढूंढने के लिए पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है, 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, 8 पुलिसकर्मी और आबकारी विभाग के 4 अधिकारी भी सस्पेंड कर दिए गए हैं। एडिश्नल पुलिस कमिश्नर फतेह सिंह पाटिल ने कहा "हमने 200 से ज्यादा जगहों पर रेड डाली है, कई जगहों पर हम स्थानीय पत्रकारों को भी लेकर जा रहे हैं, किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।"
मुंबई के मालवणी इलाके में शराब के तौर पर परोसा गये ज़हर के लिए सूत्रों के मुताबिक केमिकल गुजरात से लाया गया, ड्रमों में भरकर लाए गए केमिकल से भट्ठी में देसी शराब बनाई गई शराब में मेथनॉल की मात्रा बढ़ जाने की वजह से वो ज़हर बन गई। इलाके के लोगों का आरोप है कि सबकुछ पुलिस की मिली भगत से ही हो रहा था।
जब लोग जिंदा थे, तब इलाके में अवैध शराब के कारोबार को रोकने पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन लोगों की मौत के बाद इलाके में सियासत भी पैर पसारने में जुट गई है। शनिवार को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम मालवणी पुलिस स्टेशन तक मोर्चा लेकर आए और उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को शीघ्र इलाज और पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री और गृहमंत्रालय को हादसे की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। जब हमारा शासन था, तब ऐसे हादसों के बाद सबसे पहले डीसीपी को सस्पेंड किया जाता था।
उधर एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने कहा "दोषियों को ढूंढ़ निकालना बहुत ज़रूरी है, सरकार को इस हादसे को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है, लेकिन वो गंभीर नहीं दिख रही। लोगों को न्याय मिलना चाहिए, और दोषी पुलिस अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।"
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