प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
देश में मवेशी बाजारों में कत्लखानों के लिए मवेशियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के संबंध में मोदी सरकार की अधिसूचना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को गुरुवार को नोटिस जारी कर दिया. वैसे सरकार इस अधिसूचना में फेरबदल का इरादा पहले से जताती रही है.
केरल से मेघालय तक मवेशियों पर अपनी अधिसूचना को लेकर सवालों से घिरी केंद्र सरकार को अब एक और नोटिस झेलना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की अर्ज़ी पर यह नोटिस जारी किया है. अर्ज़ी में केंद्र की इस अधिसूचना को असंवैधानिक कहा गया है. पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, "कोर्ट ने वही कहा है जो हम कह रहे हैं. आने वाले दिनों में हम सब जवाब देंगे".
केंद्र सरकार ने 23 मई को यह अधिसूचना जारी की. तभी से पूर्वोत्तर समेत कई राज्यों में इसका विरोध जारी है. गृह मंत्री के हाल के मेघालय दौरे के बीच स्थानीय लोगों ने बीफ पार्टी की. गुरुवार को भी सरकार ने कहा कि वह इसमें संशोधन करेगी. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हम किसी की फूड हैबिट को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं."
सवाल गौ-रक्षकों की तरफ से हिंसक हमलों को लेकर भी उठ रहे हैं. काटने के लिए मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक के बाद अधिसूचना में बदलाव को लेकर भारत सरकार पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. अब देखना होगा कि 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई के दौरान भारत सरकार इस पर क्या रुख अख्तियार करती है.
केरल से मेघालय तक मवेशियों पर अपनी अधिसूचना को लेकर सवालों से घिरी केंद्र सरकार को अब एक और नोटिस झेलना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की अर्ज़ी पर यह नोटिस जारी किया है. अर्ज़ी में केंद्र की इस अधिसूचना को असंवैधानिक कहा गया है. पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, "कोर्ट ने वही कहा है जो हम कह रहे हैं. आने वाले दिनों में हम सब जवाब देंगे".
केंद्र सरकार ने 23 मई को यह अधिसूचना जारी की. तभी से पूर्वोत्तर समेत कई राज्यों में इसका विरोध जारी है. गृह मंत्री के हाल के मेघालय दौरे के बीच स्थानीय लोगों ने बीफ पार्टी की. गुरुवार को भी सरकार ने कहा कि वह इसमें संशोधन करेगी. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हम किसी की फूड हैबिट को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं."
सवाल गौ-रक्षकों की तरफ से हिंसक हमलों को लेकर भी उठ रहे हैं. काटने के लिए मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक के बाद अधिसूचना में बदलाव को लेकर भारत सरकार पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. अब देखना होगा कि 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई के दौरान भारत सरकार इस पर क्या रुख अख्तियार करती है.
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