संभावित गठबंधन पर बातचीत के लिए भाजपा नेतृत्व से मिलने से कुछ घंटे पहले, टिपरा मोथा के चेयरमैन प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा (Pradyot Manikya Debbarma) ने आज सुबह ट्वीट किया कि उन्होंने "समझौता नहीं किया है" और अपने अनुयायियों से "वेट एंड वॉच" करने को कहा. टिपरा मोथा ने अपने पहले विधानसभा चुनाव में 13 सीटें जीती हैं और इनकी मांग ‘ग्रेटर तिपरालैंड' की है. भाजपा ने पहले आदिवासी पार्टी से गठबंधन के लिए संपर्क किया था, लेकिन बातचीत विफल रही थी. त्रिपुरा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी टिपरा मोथा ने सरकार में शामिल होने के भाजपा के प्रस्ताव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि वह ‘ग्रेटर तिपरालैंड' पर आश्वासन चाहते हैं.
Tipra has not compromised ! Wait and watch pic.twitter.com/8CdeJTmtHm
— Pradyot_Tripura (@PradyotManikya) March 8, 2023
दरअसल टिपरा मोथा के शानदार प्रदर्शन ने 2024 के आम चुनाव के लिए बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. भाजपा इसे एनडीए के पाले में लाना चाहती है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में यह प्रतिद्वंद्वी न बन जाए.
सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं और टिपरा मोथा के 13 नवनिर्वाचित विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अगरतला में मुलाकात करेगा.
त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार के वंशज, देबबर्मा ने आज सुबह त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और उनके आठ कैबिनेट सहयोगियों के शपथ समारोह में भाग नहीं लिया था. उन्होंने एक ट्विटर पोस्ट में साहा को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा, "राज्य समृद्ध हो और मां त्रिपुरा सुंदरी के आशीर्वाद से. राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में हम हमेशा राज्य के लोगों के हित के लिए काम करेंगे."
Wishing the Hon Cm of Tripura @DrManikSaha2 the very best . May the state prosper and one under the blessings of Ma Tripura Sundari . As a 2nd largest party in the state we will always work for the interest of the people of the state
— Pradyot_Tripura (@PradyotManikya) March 8, 2023
एनडीटीवी से बात करने वाले एक भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी अलग राज्य की मांग के खिलाफ है. उन्होंने कहा, "हम अलग तिपरालैंड की मांग के खिलाफ हैं. हम आदिवासी पार्टी द्वारा उठाए गए मुद्दों के संवैधानिक समाधान के बारे में बात कर सकते हैं."
राज्य कांग्रेस के पूर्व प्रमुख देबबर्मा साफ कर चुके हैं कि वो अपनी पार्टी की मूल मांग 'ग्रेटर तिपरालैंड' से समझौता करने के बजाय खुशी-खुशी विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे.
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