विज्ञापन
This Article is From Aug 24, 2022

नोएडा ट्विन टावर्स को गिराने की तैयारी आखिरी दौर में, पूरे इलाके को "नो फ्लाई ज़ोन" घोषित किया गया

नोएडा के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि 28 अगस्त को जब ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया जाएगा तब उस पूरे इलाके को ड्रोन के लिए ‘No Flying Zone’  घोषित कर दिया जाएगा. इस पूरे इलाके में ड्रोन को उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

ट्विन टावर को ध्वस्त करने की तैयारी अन्तिम चरण में

नोएडा:

नोएडा के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि 28 अगस्त को जब ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया जाएगा तब उस पूरे इलाके को ड्रोन के लिए ‘No Flying Zone'  घोषित कर दिया जाएगा. इस पूरे इलाके में ड्रोन को उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस इलाके से बाहर ड्रोन उड़ सकते हैं लेकिन इसके लिए पुलिस की अनुमति चाहिए होगी. नोएडा के सेक्टर 93ए में दिल्ली के मशहूर कुतुब मीनार से भी ऊंची करीब 100 मीटर ऊंची इस संरचना को रविवार दोपहर 2.30 बजे धराशायी कर दिया जाएगा.

अधिकारियों ने कहा कि नज़दीक वाले दो सोसायटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के सभी निवासियों को इलाके छोड़ कर जाने के लिए कहा गया है. लेकिन दोनों टावरों के चारों ओर कुछ दूरी तक के इलाके में किसी भी व्यक्ति, वाहन या जानवर को विध्वंस प्रक्रिया के दौरान प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

गौतम बौद्ध नगर के उपायुक्त ने कहा, "Exclusion Zone  में टावरों के सामने 450 मीटर का क्षेत्र शामिल होगा. टावरों के दूसरी तरफ 250 मीटर तक के इलाके में जाना मना होगा.” पुलिस (मुख्यालय) राम बदन सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया.

अधिकारियों ने बताया कि इमारतें 15 सेकंड से भी कम वक्त में ताश के पत्तों से बने घर की तरह ढह जाएंगी. ध्वस्तीकरण की यह प्रक्रिया वैज्ञानिक तरीके से अंजाम दी जाएगी और उसके लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा.

इसके ध्वस्तीकरण के बाद सबसे बड़ा सवाल 55,000 टन के मलबे का निस्तारण करने को लेकर पैदा होगा.

एडिफिस इंजीनियरिंग के अधिकारी उत्कर्ष मेहता ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘सभी विस्फोटकों में धमाका होने में नौ से 10 सेकंड का वक्त लगेगा और धमाके की जोरदार आवाज आएगी. धमाकों के बाद इमारतें एक बार में नहीं गिरेंगी और उन्हें पूरी तरह मलबे के ढेर में तब्दील होने में चार से पांच सेकंड का वक्त लगेगा.'' उन्होंने कहा, ‘‘धूल का गुबार छंटने में लगभग 10 मिनट का वक्त लगेगा.''

परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि ध्वस्तीकरण में इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटकों में डेटोनेटर्स, रासायनिक मिश्रण और शॉक ट्यूब शामिल हैं, जिनमें ‘जेल' या पाउडर रूप में विस्फोटक सामग्री होती है.

परियोजना के अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए आकलन के अनुसार, एपेक्स (32 मंजिला) और सियान (29 मंजिला) इमारतों के ध्वस्त होने से तकरीबन 35,000 घन मीटर मलबा और धूल का गुबार पैदा होगा, जिसका निपटान किया जाना होगा.

नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (योजना) इश्तियाक अहमद ने कहा कि 21,000 घन मीटर मलबे को वहां से हटाया जाएगा और पांच से छह हेक्टेयर की एक निर्जन जमीन पर फेंका जाएगा तथा बाकी मलबा ट्विन टावर के भूतल क्षेत्र में भरा जाएगा, जहां एक गड्ढा बनाया गया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com