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नई दिल्ली: रियल्टी क्षेत्र की कंपनी सुपरटेक ने कहा है कि उसने ट्विन टॉवर का निर्माण नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा मंजूर भवन (बिल्डिंग) योजना के मुताबिक ही किया था और इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था. गौरतलब है कि सुपरटेक के नोएडा स्थित ट्विन टॉवर रविवार को ढहाए जाने हैं.
सुपरटेक ने कहा कि इन दो टावरों के ध्वस्तीकरण का प्रभाव कंपनी की अन्य रियल एस्टेट परियोजनाओं पर नहीं पड़ेगा और घर खरीदारों को उनके फ्लैट समय पर मुहैया करवाए जाएंगे.
दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंची 100 मीटर की इन इमारतों को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है. उच्चतम न्यायालय ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर के बीच इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था, जिसके बाद इन्हें ढहाने का काम किया जा रहा है.
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इस बीच, सुपरटेक ने एक बयान में कहा, ‘‘नोएडा स्थित ट्विन टावर एपेक्स और सियान सेक्टर 93ए में एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा हैं और इन्हें नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि पर बनाया गया था. इन दो टावरों समेत भवन योजना को नोएडा प्राधिकरण ने 2009 में मंजूरी दी थी और ये राज्य सरकार द्वारा उस समय घोषित भवन उपनियमों के पूरी तरह से अनुरूप हैं.''
कंपनी ने कहा कि कोई भी काम इमारत नियम से परे जाकर नहीं किया गया है और इनका निर्माण नोएडा प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद ही किया गया. सुपरटेक ने कहा, ‘‘हालांकि उच्चतम न्यायालय ने निर्माण को तकनीकी आधार पर संतोषजनक नहीं पाया और इन दो टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया. हम शीर्ष न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं और इसके अनुपालन की प्रतिबद्धता जताते हैं.''
सुपरटेक ने आगे कहा, ‘‘हमने घर खरीदारों को 70,000 से अधिक आवास मुहैया कराए हैं और बाकी के घर खरीदारों को भी निर्धारित समय-सीमा में घर देंगे. हम सभी घर खरीदारों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का अन्य परियोजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और वे सभी परियोजनाएं जारी रहेंगी.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)