दिल्ली की हवा में NO2 पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा, जानें- क्यों इस बार और ज्यादा खतरनाक है प्रदूषण

CSE के मुताबिक दिल्ली के ट्रैफिक हॉस्पोट्स पर NO2 की मात्रा शहर के दूसरे इलाकों के मुकाबले 3 से 4 गुनी ज्यादा पाई गई है.

नई दिल्ली:

दिल्ली में इस बार प्रदूषण संकट की एक बड़ी वजह हवा में ज़हरीली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस की बढ़ती मात्रा है. पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले इस साल दिल्ली में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा क़ाफी ज़्यादा पाई गयी है. ये ज़हरीली गैस गाड़ियों, बसों, ट्रकों और पावर प्लांट्स से निकलने वाले धुएं की वजह से हवा में ज्यादा फैलती है और फेफड़ों और श्वसन प्रणाली के लिए इसे बेहद घातक माना जाता है. दिल्ली की हवा में जहरीली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस यानी NO2 की मात्रा पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले इस साल 60 फ़ीसदी ज़्यादा पाई गई है. Centre for Science and Environment ने अपनी ताजा रिसर्च रिपोर्ट में यह खुलासा किया है. CSE के मुताबिक दिल्ली के ट्रैफिक हॉस्पोट्स पर NO2 की मात्रा शहर के दूसरे इलाकों के मुकाबले 3 से 4 गुनी ज्यादा पाई गई है.

सबसे ज्यादा NO2 दिल्ली के आईटीओ ट्रैफिक इंटरसेक्शन पर

सबसे ज्यादा NO2 दिल्ली के आईटीओ ट्रैफिक इंटरसेक्शन पर पाया गया है जबकि नेहरू नगर और सिरी फोर्ट इलाके में भी NO2 शहर के दूसरे इलाकों के मुकाबले काफी ज्यादा पाया गया है. जबकि गाजियाबाद के संजय नगर और इंदिरा पुरम और नॉएडा के सेक्टर 125 और सेक्टर 1 में ये सबसे ज्यादा पायी गयी है. NO2 एक बेहद जहरीली गैस है जो गाड़ियों में पेट्रोल और डीजल के combustion से जो प्रदूषण निकलता है उसके जरिए हवा में पहुंचती है. यानी गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर इलाके में NO2 के हवा में फैलने का सबसे बड़ा कारण है. डॉक्टर के मुताबिक  NO2 का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है और लोगों को आमतौर पर सर्दी,खांसी, sneezing, wheezing जैसे स्वस्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता है.

एक्सपर्ट ने क्या कहा?

डॉ. समीर भाटी, डायरेक्टर, स्टार इमेजिंग ने एनडीटीवी से कहा "जो पहले से किसी रोग से ग्रसित हैं...जैसे किसी को अगर लंग्स और हर्ट से सम्बंधित प्रॉब्लम है उनको विशेष ध्यान देने की ज़रुरत है. उन्हें दवाइयां लेती रहनी होंगी, डॉक्टर्स से संपर्क में रहना होगा. अस्थमा इसमें ज़्यादा ट्रिगर हो जाता है. जो छोटे बच्चों को भी विशेष ध्यान देने की ज़रुरत है क्योंकि उनकी लंग्स विकसित नहीं होती हैं उनका भी विशेष केयर करना ज़रूरी होगा. उन्हें बाहर खेलने से बचना होगा. 

दिवाली के त्यौहार के दौरान अक्सर राजधानी में प्रदूषण बढ़ता है, और इस बार भी प्रदूषण संकट बढ़ने की आशंका है. Indian Institute of Tropical meteorology के मुताबिक 16 नवम्बर तक दिल्ली में प्रदूषण "Very Poor" से "Severe" केटेगरी में रहने की आशंका है. ज़ाहिर है, आम लोगों को अगले 9 दिन बेहद सतर्क रहना होगा. 

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