
- पश्चिम बंगाल में भाजपा के विपक्षी नेता अधिकारी का व्यक्ति से जय बांग्ला नारा लगाने को लेकर तीखा विवाद हुआ
- विवाद के दौरान शुभेंदु अधिकारी ने उस व्यक्ति को जय श्री राम का नारा लगाने के लिए दबाव डाला और रोहिंग्या कहा
- व्यक्ति मुंसी अली ने दावा किया कि अधिकारी के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें लाठियों से पीटा और हाथ में चोट लगी
पश्चिम बंगाल में भाजपा के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का एक ऐसे व्यक्ति से जोरदार टकराव हो गया, जिसने उनके काफिले में "जय बांग्ला" का नारा लगाया था. उनका काफिला वहां से गुजर रहा था, तभी उस व्यक्ति ने सड़क किनारे से नारा लगाना शुरू कर दिया. इसके बाद अफरा-तफरी मच गई, नेता अपनी गाड़ी से उतर गए और अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ उस व्यक्ति को घेर लिया. उस व्यक्ति ने दावा किया है कि नेता के सुरक्षाकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की.
तृणमूल कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया पेज पर डेढ़ मिनट का यह वीडियो शेयर किया है. इसके कैप्शन में लिखा है, "@BJP4India को अंदर तक झकझोर देने के लिए सिर्फ दो शब्द काफी हैं: जय बांग्ला!"
Just two words are enough to rattle @BJP4India to its core: Joy Bangla! pic.twitter.com/Uq2ZaKKLM3
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) July 30, 2025
वीडियो में, हुगली जिले में एक पार्टी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे अधिकारी, उस व्यक्ति से भिड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसकी बाद में पहचान मुंसी अली के रूप में हुई. उन्होंने उस व्यक्ति से "जय श्री राम" का नारा लगाने को कहा और जब उसने मना किया, तो उसे "रोहिंग्या" कह दिया.
"मैं एक हिंदू हूं," अधिकारी को उस व्यक्ति से यह कहते और उसे चमड़ी उधेड़ने की धमकी देते सुना जा सकता है. मुंसी अली ने मीडिया को बताया कि वह तृणमूल कांग्रेस का एक सक्रिय कार्यकर्ता है और पहले एक विधायक के ड्राइवर के रूप में भी काम कर चुका है. उन्होंने कहा, "देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूरों पर हमले की खबरों से मैं बहुत परेशान हूं."
मुंसी ने कहा, "जब मैंने सुना कि शुभेंदु अधिकारी यहां आ रहे हैं, तो मैंने सोचा कि मुझे उनसे पूछना चाहिए कि भाजपा शासित राज्यों में प्रवासियों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है. इसके बजाय, उन्होंने मुझे "जय श्री राम" कहने के लिए मजबूर करने की कोशिश की. लेकिन अगर वह मेरा गला भी काट दें, तो भी मैं यह नहीं कहूंगा. 'जय बांग्ला' हमारे राज्य का नारा है और मैं इसे बार-बार कहूंगा."
अली ने यह भी दावा किया कि शुभेंदु अधिकारी के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें लाठियों से मारा, जिससे वह सड़क पर गिर गए और उनके हाथ में चोट लग गई. अली ने आगे कहा, "वह बार-बार कहते रहे कि वह हिंदू हैं और उन्होंने अपने केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को मुझे पीटने का निर्देश दिया. उनके निजी सहायक, एक बाउंसर और सुरक्षाकर्मियों ने मुझे सड़क पर धक्का देकर मारा."
"जय बांग्ला" का नारा लंबे समय से भाजपा के "जय श्री राम" के जवाब में इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की थी, जिन्होंने 2021 में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर लोगों से फ़ोन पर "हैलो" की बजाय "जय बांग्ला" कहने को कहा था.
2019 में, उत्तर 24 परगना के दौरे के दौरान जब उनके काफिले का स्वागत "जय श्री राम" के नारे से हुआ, तो मुख्यमंत्री अपना आपा खो बैठी थीं. उन्होंने भी अपनी गाड़ी रोककर नारे लगाने वालों को फटकार लगाई थी.
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