अजित पवार से अब भी ये सवाल किया जाता है कि आखिर उन्होंने शरद पवार का साथ छोड़कर भाजपा का दामन क्यों थामा? महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन और दोस्त नहीं होता है और उनका गुट राज्य में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के गठबंधन में शामिल हुआ है. हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क बढ़ाने के केंद्र सरकार के हालिया फैसले पर एकनाथ शिंदे सरकार को घेरा था, जिस पर अजित पवार ने सफाई दी.
भले ही हम महायुति गठबंधन में हैं, लेकिन...
अजित पवार के इस बयान ने एक बार फिर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि आखिर वह कब तक इस पाले में रहेंगे? बीड में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, "हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए महायुति (बीजेपी, शिंदे के नेतृत्व वाली सेना के साथ अजित पवार का गठबंधन) में शामिल हुए हैं. हमने राज्य के विकास के लिए यह निर्णय लिया है. फिर राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन नहीं है और कोई स्थायी दोस्त नहीं है. हम महाराष्ट्र में सभी को बताना चाहते हैं कि भले ही हम महायुति गठबंधन में हैं, लेकिन सभी जातियों और धर्मों के लोगों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है." उन्होंने कहा, "हम किसानों के हित के लिए हमेशा काम करते रहेंगे. खेतों में पानी के बिना खेती नहीं होती. जब मैं राज्य में जल संसाधन में था, तब मैंने बहुत काम किया."
राज्य के अनुरोध पर गृह मंत्री अमित शाह ने 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदा
अजीत पवार ने कहा कि उन्होंने राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे को दिल्ली जाकर राज्य में प्याज के हालिया मुद्दे पर प्रमुख केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए कहा. उन्होंने बताया, "जब प्याज का मुद्दा आया, तो कई लोगों के फोन आए. विपक्ष हमेशा गलत जानकारी देता है. मैंने धनंजय को दिल्ली जाने के लिए कहा. धनंजय गया और अधिकतम मदद का अनुरोध किया. गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत 24 रुपये प्रति किलोग्राम में 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदा."
विपक्ष ने साधा था एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना
इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क बढ़ाने के केंद्र सरकार के हालिया फैसले को "किसान विरोधी" करार दिया था. पटोले ने कहा, "वे हमारे किसानों से झूठ बोल रहे हैं. मेरा सवाल उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पीयूष गोयल से है, आप निर्यात कर क्यों बढ़ाते हैं? प्याज बासी हो जाता है और अगर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ इसे तुरंत नहीं खरीदता है, तो किसान परेशान होते हैं, क्योंकि उनका नुकसान होगा." उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के खिलाफ है. भाजपा को हमारे देश के लोगों और किसानों की परवाह नहीं है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने रसोई में हर रोज काम इस्तेमाल होने वाली प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया, जिसके कारण राज्य के प्याज किसानों ने सोमवार को महाराष्ट्र के नासिक जिले में विरोध प्रदर्शन किया.
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