EXCLUSIVE: "इस फर्म का बैकग्राउंड किसी को नहीं पता, कभी नाम भी नहीं सुना" - हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर बोले शरद पवार

शरद पवार ने आगे कहा कि यहां target किया है ऐसा लगता है. यहां ऐसा लग रहा है कि व्यक्तिगत तौर पर एक औद्योगिक समूह पर हमला किया गया है.

नई दिल्ली:

NCP प्रमुख शरद पवार ने NDTV से बातचीत के दौरान बीते दिनों अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से बातचीत के दौरान कहा कि इस फर्म का बैकग्राउंड किसी को नहीं पता, कभी नाम भी नहीं सुना. उन्होंने आगे कहा कि आपने जो कहा उस पर एक व्यक्ति विशेष ने कोई बयान दिया, इस बयान पर देश में हंगामा हो गया.ऐसे बयान एक दिन पहले भी किसी ने दिए थे, उस दिन सदन में कोई हंगामा नहीं हुआ था. मगर इस समय और ये मुद्दा जो रखा गया, वो रखने वाले कौन हैं ये भी सोचने की आवश्यकता थी. हमने कभी इसका नाम भी नहीं सुना था. जिसने ये बयान दिया उसका बैकग्राउंड क्या है, जब कोई व्यक्ति कोई Issue raise करता है उसपर देश में हंगामा होता है, इसका देश की overall situation, economy, पर कितना असर होता है इसको हम नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते हैं.

शरद पवार ने आगे कहा कि यहां target किया है ऐसा लगता है. Individual industrial group पर हमला किया गया ऐसा भी प्रतित हो रहा है. ठीक है उन्होंने कुछ गलत किया होगा Enquiry करो जैसी मांग सदन में हो गई, JPC Appoint करो. मेरा कहना अलग था. कई इश्यू पर जेपीसी अप्वाइंट हुई हैं. मुझे याद है एक बार कोका कोला के इश्यू पर जेपीसी हुई थी, जिसका चेयरमैन मैं था. JPC इससे पहले कभी नहीं हुई ऐसा नहीं है, जेपीसी की मांग गलत नहीं होती है. मगर JPC की मांग क्यों की? इसलिए की कि कोई इंडस्ट्रियल हाउस या कोई ऑर्गेनाइज़ेशन इसके बारे में जांच होने की ज़रूरत है. जांच होने के लिए जब ये डिमांड हो गई तब SC ने ख़ुद इनिसिएटिव ले लिया. उन्होंने कमेटी अप्वाइंट की, जिसमें रिटायर्ड SC जज, जानकार, एडमिनिस्ट्रेट, इकोनॉमिस्ट ऐसे लोगों की टीम थी.

उनको गाइडलाइन दे दी, समय दे दिया और कहा गया कि आप इसकी जांच करो, हमारे सामने रिपोर्ट रखो. दूसरी तरफ विपक्ष की मांग थी कि पार्लियामेंट की कमेटी अप्वाइंट करो. पार्लियामेंट की कमेटी अप्वाइंट की तो समझो. आज पार्लियामेंट में बहुमत किसका है. रूलिंग पार्टी का, डिमांड किसके खिलाफ़ थी? रूलिंग पार्टी के खिलाफ़ थी. रूलिंग पार्टी के खिलाफ़ जो डिमांड है, जांच करने के लिए जो कमेटी अप्वाइंट करेंगे, इसमें रूलिंग पार्टी की मेजोरिटी रहेगी, तो सच्चाई कहां से कैसे सामने आएगी? इस बारे में आशंका पैदा हो सकती है.

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इससे सुप्रीम कोर्ट, जिसका इसमें कोई इंट्रेस्ट नहीं है, जिसमें किसी का इंट्रेस्ट नहीं है वो जांच करते तो शायद ज़्यादा सच्चाई देश के सामने आती. और इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने जांच करने की घोषणा के बाद जेपीसी का महत्व नहीं रहा, इसकी आवश्यकता नहीं रही.