विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के चीफ अरुण कुमार ने रविवार को कहा कि हाल के हफ्तों में घरेलू उड़ानों में आई तकनीकी खराबी में यात्रियों को हानि पहुंचाने की क्षमता थी. यहां तक कि भारत आने वाली विदेशी एयरलाइनों ने भी पिछले 16 दिनों में 15 तकनीकी खराबी का सामना किया है. उन्होंने कहा, " देश का सिविल एविएशन स्पेस बिल्कुल सुरक्षित है. यहां अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) द्वारा निर्धारित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है"
बीते कुछ हफ्तों में भारतीय एयरलाइंस द्वारा झेली गई तकनीकी खराबी और डीजीसीए द्वारा स्पाइसजेट के उड़ानों में कटौती के संबंध में कुमार ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिन घटनाओं की रिपोर्ट या चर्चा की गई है, उनमें से किसी में भी तबाही मचाने की क्षमता नहीं है.
एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, " जिन तकनीकी परेशानियों का सामना किया गया वो सामान्य हैं और सभी एयरलाइंस द्वारा उड़ान के दौरान समय-समय पर अनुभव किए जाते हैं. यहां तक की बीते 16 दिनों में भारत आने वाली विदेशी एयरलाइनों ने भी 15 तकनीकी खराबी का सामना किया है, जिसे अटेंड और रेक्टिफाई किया गया."
हालांकि, विदेशी एयरलाइनों द्वारा सामना किए गए खराबियों के बारे में विशिष्ट जानकारी नहीं दी गई. अरुण कुमार के अनुसार, विदेशी ऑपरेटरों द्वारा सामना किए जाने वाले अवरोधक भारतीय वाहकों के समान ही थे. बता दें कि हाल के दिनों में, तकनीकी खराबी का सामना करने वाले भारतीय वाहकों के एक दर्जन से अधिक उदाहरण सार्वजनिक हो गए हैं, खासकर स्पाइसजेट के मामले में, और डीजीसीए घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखे हुए है.
नियामक ने संभावित मुद्दों को दूर करने के लिए एयरलाइनों का दो महीने का विशेष ऑडिट शुरू किया है और तकनीकी खराबी के मामलों में तेजी के बीच स्पाइसजेट के संचालन में कटौती की है.
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