विज्ञापन
This Article is From Aug 13, 2023

"अब राज्यपाल की सहमति की कोई जरूरत नहीं": तमिलनाडु ने NEET को हटाने के लिए कमर कसी

डीएमके के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 2021 में चुनाव में सत्ता में आने पर एनईईटी को खत्म करने का चुनावी आश्वासन दिया था.

"अब राज्यपाल की सहमति की कोई जरूरत नहीं": तमिलनाडु ने NEET को हटाने के लिए कमर कसी
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

तमिलनाडु के राज्यपाल के नीट विरोधी विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देने के कथन को लेकर बहस छिड़ गई है. इस मुद्दे को लेकर तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल आरएन रवि आमने-सामने हैं. तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने रविवार को राज्य के राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (NEET) विरोधी विधेयक पर राज्यपाल आरएन रवि के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि अब उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है. सुब्रमण्यम आरएन रवि के शनिवार को दिए गए उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि वे राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (एनईईटी) के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा द्वारा लाए गए विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे.

उन्होंने याद दिलाया कि रवि द्वारा पहले लौटाए जाने के बाद राज्य विधानसभा ने एनईईटी के दायरे से तमिलनाडु के लिए छूट की मांग करने वाला विधेयक फिर से लाया गया था.

मंत्री ने एक बयान में कहा, "कोई अन्य विकल्प न होने पर (इस बार) राज्यपाल ने विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज दिया. इससे उनका काम समाप्त हो गया. उनका एनईईटी (विधेयक) से कोई लेना-देना नहीं है. उनकी सहमति की भी कोई आवश्यकता नहीं है." 

सुब्रमण्यम ने कहा, अगर राष्ट्रपति संतुष्ट होते हैं और विधेयक को मंजूरी देते हैं, तो मंजूरी की जानकारी केवल राज्यपाल के साथ साझा की जाएगी. ऐसी स्थिति में एनईईटी विरोधी विधेयक के खिलाफ उनकी टिप्पणी "अशांत जल में मछली पकड़ने" के समान है.

एक राज्यपाल को आदर्श रूप से राज्य सरकार की कल्याणकारी पहलों का समर्थन करना चाहिए और NEET के खिलाफ DMK शासन का रुख जनता की भावना को प्रतिबिंबित करता है. उन्होंने कहा, डीएमके अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 2021 में चुनाव में सत्ता में आने पर केंद्रीय योग्यता परीक्षा को खत्म करने का चुनावी आश्वासन दिया था.

शनिवार को 'डेयर टू थिंक सीरीज़' के हिस्से के रूप में आयोजित यूजी-2023 में शीर्ष एनईईटी स्कोरर्स के साथ अपनी बातचीत में रवि ने कहा था कि राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (नीट) के बिना उपलब्धियां भविष्य के लिए पर्याप्त नहीं हैं और यह परीक्षा जारी रहेगी.

उन्होंने कहा, “ देखिए, मैं (विधेयक को) मंजूरी देने वाला अंतिम व्यक्ति होऊंगा. इसे कभी भी मंजूरी नहीं दूंगा. मैं नहीं चाहता कि मेरे बच्चे बौद्धिक रूप से अक्षम महसूस करें. मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे प्रतिस्पर्धा करें और सर्वश्रेष्ठ बनें. उन्होंने यह साबित कर दिया है.”

राज्यपाल की विद्यार्थियों के साथ बातचीत के दौरान एक अभिभावक ने राज्यपाल से ‘नीट को प्रतिबंधित करने के लिए मंजूरी' देने का आग्रह किया था. उनका मतलब केंद्रीय परीक्षा से राज्य को छूट देने का प्रावधान करने वाले तमिलनाडु विधानसभा के एक विधेयक को मंजूरी देने से था.

इस पर रवि ने कहा था, “मैं आपको बहुत स्पष्ट रूप से बता रहा हूं, मैं नीट (विधेयक) को कभी भी मंजूरी नहीं दूंगा. वैसे भी यह राष्ट्रपति के पास गया है क्योंकि यह समवर्ती सूची का विषय है और यह ऐसा विषय है जिसे मंजूरी देने के लिए केवल राष्ट्रपति ही सक्षम हैं.”

उन्होंने कहा था कि एक मिथक फैलाया जा रहा है कि केवल कोचिंग केंद्रों की सेवाओं का उपयोग करने वाले ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कर सकते हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सीबीएसई पाठ्यक्रम 'मानक' है.

राज्यपाल आरएन रवि के इस बयान पर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी.

राज्य विधानसभा ने पिछले साल एक बार फिर तमिलनाडु को नीट से छूट देने का प्रा‍वधान करने वाला विधेयक पारित किया था. इससे पहले विधेयक को राज्यपाल रवि ने लौटा दिया था. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com