गुजरात के कच्छ तट पर दिन में बना चक्रवाती तूफान ‘असना' इलाके पर कोई बड़ा प्रभाव डाले बिना अरब सागर में ओमान की ओर बढ़ गया है. चूंकि चक्रवात ओमान की ओर जा रहा है, इसलिए तट पर इसका मामूली प्रभाव पड़ा है. कुछ बारिश और तेज गति से चल रही हवाओं को छोड़कर, यहां इसका कोई असर नहीं हुआ.
तूफान के कारण जारी अलर्ट को लेकर कच्छ में एहतियात के तौर पर स्थानीय प्रशासन ने करीब 3,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था. झोपड़ियों और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को अन्य इमारतों में आश्रय लेने को कहा गया था. लेकिन अब चक्रवात का संकट टल गया.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार शाम को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि कच्छ तट और पाकिस्तान के समीपवर्ती क्षेत्रों पर बना गहरा दबाव ‘‘चक्रवाती तूफान असना में तब्दील हो गया है और पूर्वाह्न 11:30 बजे भुज से लगभग 190 किलोमीटर पश्चिम-उत्तरपश्चिम में केंद्रित है.''
कहा गया था कि अगर गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवात में तब्दील होता है तो इसका नाम ‘असना' रखा जाएगा, जो पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया नाम है. यह एक दुर्लभ घटना है कि जमीन पर बना गहरा दबाव समुद्र में चक्रवाती तूफान में बदल गया है. इतना ही नहीं, अगस्त में अरब सागर में चक्रवात का बनना भी दुर्लभ है.
आईएमडी के अनुसार, वर्ष 1891 और 2023 के बीच अगस्त के दौरान अरब सागर में केवल तीन चक्रवात आए 1976, 1964 और 1944 में आए थे. वर्ष 1976 का चक्रवात ओडिशा से बनने के बाद पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और अरब सागर में प्रवेश कर गया. हालांकि, ओमान तट के पास उत्तर-पश्चिम अरब सागर में यह कमजोर हो गया. वर्ष 1944 के चक्रवात ने अरब सागर में बनने के बाद प्रचंड रूप लिया था. वर्ष 1964 में एक और अल्पकालिक चक्रवात दक्षिण गुजरात तट के पास उत्पन्न हुआ और तट के करीब ही कमजोर हो गया.
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