नई दिल्ली:
सरकार ने स्पीकर के निर्देश संख्या 121 का हवाला देते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष का नेता होने के लिए किसी भी पार्टी के पास सदन की कुल संख्या के कम से कम 10 सदस्य होने जरूरी हैं, यानी कम से कम 55 सदस्य, लेकिन कांग्रेस के पास सिर्फ 44 हैं।
सरकार ने पुराने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले भी कई बार जरूरी संख्या न होने पर सदन में किसी को भी विपक्ष के नेता का दर्जा नहीं दिया गया। 1980 से 1989 तक लोकसभा में कोई विपक्ष का नेता नहीं था।
कुछ वरिष्ठ नेताओं ने तो पत्रकारों को बताया कि जब जनता ने कांग्रेस को विपक्ष के नेता का दर्जा देने लायक नहीं समझा तो उन्हें यह दर्जा क्यों दिया जाए।
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