मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की राज्य इकाई की उपाध्यक्ष और पार्टी की स्थानीय विधायक ऊषा ठाकुर ने नवदुर्गोत्सव के दौरान गरबा पंडालों आयोजकों से कहा है कि वे पंडालों में गैर-हिन्दू युवकों का प्रवेश वर्जित करें। इस सार्वजनिक अपील के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
भाजपा की 48 वर्षीय नेता ऊषा ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, 'जो लोग हिन्दू धर्म को नहीं मानते, उनका गरबा उत्सवों में केवल नाचने-गाने के लिए शामिल होना ठीक नहीं है। इसलिए मैंने आयोजकों से अनुरोध किया है कि गरबा पंडालों में केवल हिंदू युवकों को उनके मतदाता पहचान पत्र के आधार पर प्रवेश दिया जाए।'
इंदौर की भाजपा विधायक ने बताया कि उन्होंने आयोजकों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि युवतियां गरबा पंडालों में 'शालीन' पोशाकें पहनकर आएं और गोदना (टैटू) तथा छोटे कपड़ों से परहेज करें।
उधर, कांग्रेस ने गरबा कार्यक्रमों को लेकर ऊषा की विवादास्पद अपील पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, 'ऊषा की यह अपील भारतीय संस्कारों और संवैधानिक मर्यादा से मेल नहीं खाती। वह सरकारी तंत्र को सीधी चुनौती देते हुए सोशल पुलिसिंग की वकालत कर रही हैं। लोकतंत्र में इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।'
उन्होंने कहा, 'ऊषा भाजपा की विधायक होने के साथ इस पार्टी की प्रदेश इकाई की उपाध्यक्ष भी हैं। लिहाजा गरबा कार्यक्रमों को लेकर उनकी सार्वजनिक अपील पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को अपनी पार्टी का रुख फौरन स्पष्ट करना चाहिए।'
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